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पेट्रोल - डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए: कांग्रेस

पेट्रोल- डीजल की कीमतों में केंद्र सरकार द्वारा पिछले दिनों की गयी कटौती को महज एक “जुमला” करार देते हुए कांग्रेस ने आज दोहराया कि इन्हें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाया जाना चाहिए

पेट्रोल - डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए: कांग्रेस
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नयी दिल्ली। पेट्रोल- डीजल की कीमतों में केंद्र सरकार द्वारा पिछले दिनों की गयी कटौती को महज एक “जुमला” करार देते हुए कांग्रेस ने आज दोहराया कि इन्हें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाया जाना चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने साेमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में नियमित ब्रीफिंग में कहा कि पेट्रोल आैर डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सरकार ने महज डेढ रुपया प्रति लीटर की कटौती की है जो एक “जुमला” साबित हो रही है। इस कटौती से आम जनता को कोई राहत नहीं मिली है।

पिछले दिनों पेट्रोल - डीजल की कीमतों में 2.50 रुपये प्रति लीटर कटौती की गयी जिसमें केंद्र सरकार ने डेढ रुपये उत्पाद शुल्क में घटायें जबकि एक रुपया तेल कंपनियों ने कम किया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने डेढ रुपये घटा तो दिये लेकिन इसके बाद से पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ रहे हैं।

एक सवाल पर उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल के संबंध में कांग्रेस की बहुत स्पष्ट नीति है कि इन्हें जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए। कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का विरोध करने के संबंध में उन्होेंने कहा कि मुद्दा वास्तव में राजस्व के बंटवारे का हैं। इसके लिये केंद्र सरकार को राज्यों की आशंकाओं और आपत्तियों का निवारण करना चाहिए।


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