पेट्रोल-डीजल की दरों में वृद्धि, मोदी-केजरीवाल को लोगों की कोई चिंता नहीं : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
देशभर में बढ़ते पेट्रोल डीजल गैस आदि के दामों को लेकर एक बार कांग्रेस ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को निशाने पर लिया

नई दिल्ली। देशभर में बढ़ते पेट्रोल डीजल गैस आदि के दामों को लेकर एक बार कांग्रेस ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को निशाने पर लिया। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अनुसार, दोनों सरकारें वर्तमान वर्ष में लगातार पेट्रोल, डीजल, गैस सिलेंडर की बढ़ती दरों और बढ़ती मंहगाई को रोकने में विफल साबित हुई हैं। प्रदेश कांग्रेस के अनुसार, रसोई गैस की दरों में 25.50 रुपये प्रति सिलेंडर और दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी से गृहणियों के रसोई बजट की कमर टूट गई है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि, "बेलगाम तेल कम्पनियों की मनमानी के कारण दिल्ली में पेट्रोल के दाम 100 के पास तथा मुम्बई के साथ कई अन्य शहरों में पेट्रोल 100 के पार पहुंच गया है। केजरीवाल सरकार और मोदी सरकार पेट्रोल डीजल पर वेट और एक्साइज ड्यूटी कम करके देशवासियों को राहत देने का काम करें।"
"4 मई से लगातार पिछले दो महीनों में पेट्रोल के दाम 9.30 प्रतिशत और डीजल की दरों में 10.47 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भाजपा की मोदी सरकार ने जुलाई लगते ही रसोई गैस की कीमतों में 25.50 रुपये की वृद्धि करके गैस सिलेंडर के दाम 834.50 रुपये कर दिए हैं। जबकि व्यवसायिक गैस सिलेंडर पर 76 रुपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि की गई है।"
प्रदेश कांग्रेस के मुताबिक, पिछले सात महीने पहले नवम्बर 2020 में रसोई गैस सिलेंडर 594 रुपये का था, जिसकी वर्तमान वर्ष में कीमत बढ़कर 834.50 रुपये पहुंच गई है। केन्द्र सरकार की शह पर पिछले 7 महीनों में रसोई गैस सिलेंडर पर 240 रुपये बढ़े हैं। डीजल-पेट्रोल के दामों में वृद्धि के कारण खुदरा बाजार में फल, सब्जियों, खाने के तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि डीजल और पेट्रोल के दामों में वृद्धि नही रुकी तो रोजमर्रा की वस्तुओं की दरें असहनीय हो जाऐंगी।


