Top
Begin typing your search above and press return to search.

कोरोना योद्धा को खोना व्यक्तिगत दुख : हर्षवर्धन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना योद्धाओं की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए चिकित्सा बिरादरी के सदस्यों और उनके परिवारों को जारी महामारी के दौरान समाज के लिए अनुकरणीय वीरता और सेवा के लिए धन्यवाद दिया

कोरोना योद्धा को खोना व्यक्तिगत दुख : हर्षवर्धन
X

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कोरोना योद्धाओं की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए गुरुवार को चिकित्सा बिरादरी के सदस्यों और उनके परिवारों को जारी महामारी के दौरान समाज के लिए अनुकरणीय वीरता और सेवा के लिए धन्यवाद दिया। वह एक प्रमुख स्वास्थ्य थिंक-टैंक इंटीग्रेटेड हेल्थ एंड वेलबीइंग (आईएचडब्ल्यू) काउंसिल द्वारा आयोजित ग्रेटिट्यूड वीक-ए ट्रिब्यूट टू हेल्थ गार्जियंस के दूसरे संस्करण के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।

हर्षवर्धन ने एक वीडियो संदेश में कहा, राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर, मैं आभार सप्ताह आयोजित करने के प्रयासों की सराहना करना चाहता हूं। एक नए वायरस के खिलाफ इस अभूतपूर्व युद्ध में, डॉक्टर अग्रिम पंक्ति के सैनिक रहे हैं।

उन्होंने कहा, प्रत्येक जीवन खो जाना, मेरे लिए बड़े व्यक्तिगत दुख का विषय है। डॉक्टरों ने दूसरों के जीवन को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी है - साहस, बलिदान और करुणा का इससे बड़ा उदाहरण नहीं हो सकता है।

उन्होंने डॉक्टरों से अपना ख्याल रखने, अपडेट के लिए अपने साथियों से जुड़े रहने और बड़े पैमाने पर लोगों और समुदाय के लिए एक रोल मॉडल के रूप में काम करने का भी आग्रह किया।

इस बीच, डब्ल्यूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने चल रही कोविड-19 महामारी के बीच 18 महीनों से अधिक समय तक दिन-रात काम करने के लिए सभी स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया है।

इसके अलावा राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने गुरुवार को वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रख्यात डॉक्टरों, चिकित्सा विज्ञान के प्रोफेसरों और चिकित्सा जगत के दिग्गजों की एक बैठक को भी संबोधित किया। यह कार्यक्रम एकीकृत स्वास्थ्य और आरोग्य परिषद द्वारा आयोजित किया गया था।

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के शुभ अवसर पर सभी को बधाई देते हुए, डॉ. हर्षवर्धन ने सबसे पहले कोविड योद्धाओं के बलिदान को याद किया और शोक व्यक्त किया।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, आम तौर पर बहुत जोश और उत्साह के साथ मनाया जाने वाला दिन है, मगर इस पर मेरा जोर नहीं है, लेकिन इस बारे में सोचकर निराश महसूस करता हूं। हमारे चिकित्सा जगत से कई महान हस्तियों का स्वर्गवास हो गया है, इनमें से अधिकांश अपने समय से बहुत पहले ही इस दुनिया से चले गए। उनका जाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और फिर भी बड़े पैमाने पर चिकित्सा समुदाय के लिए बहुत गर्व और प्रेरणा का विषय है। इतिहास गवाह है कि जब समय आया और मानवता को बचाने की जरूरत हुई, तो डॉक्टर ही थे, जिन्होंने अपने कर्तव्य को निभाने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाए।

उन्होंने कहा कि यद्यपि चिकित्सा पेशे को हमेशा एक महान पेशा माना गया है और वास्तव में कई मरीज डॉक्टरों को भगवान से कम नहीं मानते हैं, कोविड-19 ने इस अहसास को और अधिक मजबूत बना दिया है।

उन्होंने कहा कि अगर यह चिकित्सा समुदाय का अपने साथी नागरिकों की दुर्दशा के प्रति अत्यधिक करुणा का भाव नहीं होता, तो इस महामारी का प्रभाव अंतत: कैसा होता, इसकी कहानी बहुत अलग और निराशाजनक होती। उन्होंने कहा, कई डॉक्टर अपने घरों में आराम से रहने और महामारी को देखने का विकल्प चुन सकते थे, लेकिन आप में से किसी ने भी ऐसा नहीं किया। इसके विपरीत, हमने देखा कि अनुभवी और सेवानिवृत्त डॉक्टरों ने जरूरत के इस समय में स्वेच्छा से मदद के लिए कदम बढ़ाया है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it