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ट्रंप के 'मुस्लिम प्रतिबंध' के खिलाफ अमेरिका में हवाईअड्डों पर प्रदर्शन

वाशिंगटन ! राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'मुस्लिम प्रतिबंध' के खिलाफ पूरे अमेरिका में हवाईअड्डों पर हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया है।

ट्रंप के मुस्लिम प्रतिबंध के खिलाफ अमेरिका में हवाईअड्डों पर प्रदर्शन
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वाशिंगटन ! राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'मुस्लिम प्रतिबंध' के खिलाफ पूरे अमेरिका में हवाईअड्डों पर हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया है। सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाने वाले शुक्रवार को जारी आदेश के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने शनिवार रात प्रदर्शन किया।

आदेश के अनुसार, ईरान, इराक, सीरिया, सोमालिया, लीबिया, सूडान और यमन के शरणार्थियों के अमेरिका प्रवेश पर 90 दिनों के लिए रोक लगाई गई है, जबकि सीरियाई नागरिकों के प्रवेश पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है और अमेरिका में शरण के लिए सभी शरणार्थियों के आवेदन को 120 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है।

आदेश के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए शनिवार रात शिकागो के ओ' हारे हवाईअड्डे के अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल पर हजारों प्रदर्शनकारी एकत्रित हुए।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, करीब एक हजार प्रदर्शनकारियों ने टर्मिनल के बाहर सड़क को जाम कर दिया।

प्रदर्शनकारी "उन्हें आने दें" और "कोई घृणा नहीं, कोई डर नहीं, शरणार्थियों का यहां स्वागत है" जैसे नारे लगा रहे थे। उनके हाथ में तख्तियां थीं, जिन पर "सही काम करो, उन्हें आने दो", "मुसलमानों के व्यवहारों का आकलन बंद करो" और "शरणार्थियों का स्वागत" आदि नारे लिखे हुए थे।

पुलिस और कानून प्रवर्तन कर्मी घटनास्थल पर मूकदर्शक बने हुए थे।

न्यूयॉर्क स्थित जॉन एफ. केनेडी अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल पर सैकड़ों लोग जमा हुए। प्रदर्शनकारियों ने टर्मिनल 4 को उस समय बंद कर दिया, जब आव्रजन अधिकारियों ने 11 लोगों को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए लोग संभवत: रास्ते में थे, जब ट्रंप ने प्रतिबंध आदेश जारी किया था।

वाशिंगटन के डलेस हवाईअड्डे पर सैकड़ों लोग जमा हुए। भीड़ इतनी बढ़ गई कि हवाईअड्डे के अधिकारियों को प्रदर्शन क्षेत्र बढ़ाना पड़ा।

प्रतिबंध के तहत हिरासत में लिए गए मुस्लिम आप्रवासियों और शरणार्थियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए करीब तीन सौ प्रदर्शनकारी लॉस एंजिल्स अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर इकट्ठे हुए।

प्रदर्शनकारी "ट्रंप को जाना होगा", "नो ट्रंप, नो केकेके, अमेरिका में फासीवाद नहीं" और अन्य तरह के नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने लोगों से कानून के उल्लंघन करने का आह्वान किया।

इसी तरह के प्रदर्शन डेनवर, कोलोराडो और सैन फ्रांसिस्को अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डों पर भी देखे गए।

लॉस एंजिल्स टाइम्स के अनुसार, लॉस एंजिल्स में कम से कम सात विदेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया और कहा गया कि अब उनका स्वागत नहीं है।

समाचार पत्र 'दी वर्ज' के अनुसार, गूगल के सह-संस्थापक सर्गी ब्रिन ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा, "मैं यहां हूं, क्योंकि मैं एक शरणार्थी हूं।" वह निजी तौर पर प्रदर्शन में शामिल हुए थे।

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा, "इस आदेश के प्रभाव को लेकर हम परेशान हैं।" पिचाई भी एक आप्रवासी हैं।

पहले अपराह्न् में अनेक स्थानीय संगठनों ने ट्रंप के आदेश के जवाब में एक आपातकालीन एकजुटता रैली निकाली थी।

इस कदम से पूरे देश में भ्रम और अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई है और पूरी दुनिया में इस पर चिंता जाहिर करते हुए इसकी निंदा की गई है।


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