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मप्र वापस लौटने के इच्छुक लोगों की मदद की जाएगी : शिवराज

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए 21 दिन का लॉक डाउन किए जाने के बाद मध्य प्रदेश से बाहर गए लोगों का लौटना मुश्किल हो गया है

मप्र वापस लौटने के इच्छुक लोगों की मदद की जाएगी : शिवराज
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भोपाल। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए 21 दिन का लॉक डाउन किए जाने के बाद मध्य प्रदेश से बाहर गए लोगों का लौटना मुश्किल हो गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन लोगों के घरों तक लौटने में मदद करने के निर्देश दिए हैं जो प्रदेश से बाहर हैं और घर लौटना चाहते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने शुक्रवार को कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए किए गए प्रयासों की अधिकारियों के साथ बैठक कर समीक्षा की। उन्होंने इस बैठक में कहा है कि, समाज के ऐसे वर्ग, खासकर ऐसे श्रमिक, जो कार्य के लिए अन्य स्थानों पर गए, विवश हैं और अब अपने घर लौटना चाहते हैं, उनकी सहायता के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। इसके लिए प्रत्येक जिले में एक अधिकारी को नामांकित कर यह दायित्व सौंपा जाए।

बैठक में बताया गया कि, ऐसे लोग जो लॉक डाउन में कही फं स गए हैं, उनकी पूरी मदद की जाएगी। इस संबंध में 104 और 181 नम्बर पर मदद के लिए फोन किया जा सकता है। इसी तरह यदि प्रदेश के बाहर कहीं लोग फंसे हैं तो 0755-2411180 पर फोन कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। उनकी पूरी मदद की जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने इंदौर की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का दल गठित कर इंदौर की स्थिति पर नजर रखने और बचाव के प्रयासों को अंजाम देने के लिए सक्रिय किया जाए।

बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने कहा कि, नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा पूरे राज्य में पीपी किट्स और मास्क की आपूर्ति के प्रयास बहुत कम समय में किए गए हैं। इसी तरह, अन्य विभाग और एजेंसियां तत्परता का परिचय दें।

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल ने बताया कि, इस रोग की जांच और इलाज के सभी कार्य जिलों में चल रहे हैं। संभागों तक थ्री लेयर मास्क पहुंचाए गए हैं। जिलों में तीन लाख से अधिक मास्क पहुंच गए हैं। यह कार्य निरंतर चलेगा। जनता को जागरुक करने के लिए आवश्यक प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।

चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला ने जानकारी दी कि, राज्य में वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मेडिकल कालेज और बड़े निजी अस्पताल को अधिकृत कर उपचार का कार्य किया जा रहा है। इनमें अधिक क्षमता से कार्य होगा। अतिरिक्त रूप से आवश्यक बेड की व्यवस्था भी की जा रही है।


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