बिजली की किल्लत सेजूझने को लोग परेशान
लघु सचिवालय स्थित तहसील कार्यालय में बिजली की समस्या से निपटने के लिए लगाए गए जेनरेटर मात्र शो पीस बनकर रह गए हैं
होडल। लघु सचिवालय स्थित तहसील कार्यालय में बिजली की समस्या से निपटने के लिए लगाए गए जेनरेटर मात्र शो पीस बनकर रह गए हैं। हालांकि कहने को तो परिसर के आसपास तीन जेनरेटर रखे हुए हैं लेकिन इनमें दो जेनरेटर तो पूरी तरह कंडम हो चुके हैं और तीसरे जेनरेटर की अभी तक पैकिंग ही नहीं खोली गई है। जबकि एसडीएम और तहसील कार्यालय के लिए लगाए गए उक्त जेनरेटर में अभी तक बिजली की तार तक नहीं जोड़ी गई है।
जिसके कारण यहां तैनात कर्मचारियों और उपभोक्ताओं को बिजली की किल्लत से घंटों तक जूझना पड़ता है। कई बार तो बिजली की लम्बी कटौती के कारण सब कुछ ठप हो जाता है। लघु सचिवालय स्थित तहसील कार्यालय में बिजली गुल होने के बाद अपने कार्य कराने पहुंचे उपभोक्तओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कार्यालय के बाहर रखा जेनरेटर केवल मात्र शोपीस बनकर रह गया है। हालांकि कुछ कार्यालयों में इंनवर्टर आदि की व्यवस्था की हुई है, लेकिन बिजली की लम्बी कटौती के बाद वह भी ठप होकर रह जाते हैं।
बिजली के अभाव में घंटों तक कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर उपभोक्ता
उप मंडल कार्यालय में ड्राईविंग लाईसेंस, वाहन रजिस्ट्रेशन के अलावा तहसील सम्बंधित अन्य कार्य कराने के लिए सैकड़ों उपभोक्ता कार्यालय पहुंचते हैं लेकिन जब यहां बिजली कटौती का पता चलता है तो उपभोक्ता परेशान हो जाता है। उपभोक्ता यहां घंटों तक बिजली आने के इंतजार में चक्कर काटते रहते हैं। इसके अलावा कार्यालयों में तैनात कर्मचारी भी बिजली कटौती के कारण उफ करते नजर आते है।
अधिकांश कार्यालयों में सभी कार्य आन लाईन होने और बिजली की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण उपभोक्ताओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बिडम्बना यह है कि उक्त कार्यालय के बाहर वर्षों पहले एक जेनरेटर लगाया गया था, लेकिन बिडम्बना यह है कि वर्षों बीतने के बाद भी इसका कनैक्शन तक नहीं किया जा सका है। जिसके कारण जेनरेटर की सुविधा होने के बावजूद भी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने इस मामले से विभागीय उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है।


