लोगों को यह समझना चाहिए कि फिल्में कला का एक रूप हैं: अरशद वारसी
फिल्मकार संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' के समर्थन में उतरे अभिनेता अरशद वारसी का कहना है कि लोगों को यह समझना चाहिए कि फिल्में कला का एक रूप हैं

मुंबई। फिल्मकार संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' के समर्थन में उतरे अभिनेता अरशद वारसी का कहना है कि लोगों को यह समझना चाहिए कि फिल्में कला का एक रूप हैं।
अरशद ने कहा, "मुझे लगता है कि हमारे देश में लोगों के पास काफी खाली समय है और यही समस्या है। लोगों का अपना दृष्टिकोण और कारण हो सकते हैं लेकिन (विरोध करने पर) उन्हें यह समझना चाहिए कि पद्मावती एक वास्तविकता नहीं है। यह एक मिथक है और एक लेखक की काल्पनिक कहानी है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है।"
अरशद ने विजक्रॉफ्ट इंटरनेशनल के ब्रॉडवे स्टाइल के थिएटर 'बल्ले बल्ले' से इतर गुरुवार को कहा, "मुझे लगता है कि लोगों को फिल्म को केवल एक कला के रूप में देखना चाहिए, तभी यह बेहतर होगा।"
एक दिसंबर को रिलीज के लिए तैयार 'पद्मावती' का कई संगठन और राजनीतिक दल विरोध कर रहे हैं। विरोध करने वालों का कहना है कि इस फिल्म के जरिए इतिहास को तोड़मरोड़ पेश किया गया है और साथ ही पद्मावती का गलत तरीके से चित्रण किया गया है। वहीं, भंसाली ने इन आरोपों को खारिज किया है।


