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यूपी की जनता ने केजरीवाल के मुफ्त वाले मॉडल को नकारा, अब दिल्ली की बारी : केशव प्रसाद

भाजपा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चलाए जा रहे जन चेतना सभा अभियान में शनिवार को उत्तर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्रियों- केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक को भी दिल्ली में उतार दिया

यूपी की जनता ने केजरीवाल के मुफ्त वाले मॉडल को नकारा, अब दिल्ली की बारी : केशव प्रसाद
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नई दिल्ली। भाजपा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चलाए जा रहे जन चेतना सभा अभियान में शनिवार को उत्तर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्रियों- केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक को भी दिल्ली में उतार दिया। यूपी के एक उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली की नरेला विधान सभा में लोक सभा सांसद हंसराज हंस के साथ केजरीवाल के खिलाफ हुंकार भरते नजर आए तो वहीं यूपी के दूसरे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लोक सभा सांसद मनोज तिवारी के साथ मिलकर दिल्ली के बाबरपुर और गोकलपुर विधान सभा क्षेत्र में केजरीवाल पर हमला बोला। मौर्य और पाठक के अलावा केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा, रामवीर सिंह बिधूड़ी, मनोज तिवारी, रमेश बिधूड़ी, हंसराज हंस और लाल सिंह आर्य सहित पार्टी के कई अन्य नेताओं ने भी केजरीवाल क खिलाफ घोषित 70 जन चेतना सभाओं की श्रृंखला के तहत शनिवार को दिल्ली की सात अलग-अलग विधान सभाओं में दिल्ली के सीएम के खिलाफ हल्ला बोला।

मौर्य ने यूपी की तरह ही दिल्ली में भी आप की बुरी हार की भविष्यवाणी करते हुए कहा कि यूपी की जनता ने जिस तरह से पहले विधान सभा और फिर नगर निकाय के चुनावों में केजरीवाल के मुफ्त वाले मॉडल को नकार दिया है, उसी तरह का हश्र दिल्ली में भी आगामी लोक सभा चुनाव और फिर विधान सभा चुनाव में आप का होने जा रहा है। वहीं पाठक ने कहा कि केजरीवाल उत्तर प्रदेश में भी अपना झाड़ू चलाने आए थे लेकिन आज स्थिति यह है कि ना सिर्फ उत्तर प्रदेश से बल्कि दिल्ली से भी उनकी सफाई होने की तैयारी चल रही है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को सुर्खियों में बने रहने का इतना शौक है कि उनकी छवि एक जोकर जैसी हो गई है।

वहीं अध्यादेश को लेकर केजरीवाल के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के आते ही अरविंद केजरीवाल पूरी तरह से बौखला गए हैं जो की उनकी आदत है। एक तरफ हर मामले में केजरीवाल कोर्ट का रुख कर लेते हैं और जब भी किसी मामले में न्यायालय उनके मुताबिक फैसला नहीं सुनाता तो फिर उनकी बेचैनी और बौखलाहट सामने आ जाती है। उन्होंने कहा कि 11 मई को उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाया था और फैसला आने के तुरंत बाद ही उन्होंने अधिकारियों को हटाना शुरू कर दिया और वे सारे ऐलान किए जो उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आते थे। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले की आड़ में केजरीवाल सरकार अधिकारियों को डराने-धमकाने और सत्ता का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रही है।

केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, रामवीर सिंह बिधूड़ी, मनोज तिवारी, रमेश बिधूड़ी, हंसराज हंस और भाजपा एस.सी. मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य सहित भाजपा के कई अन्य नेताओं ने भी जमकर दिल्ली के सीएम पर निशाना साधा।


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