गांवों के लोगों को अपने विकास की जिम्मेदारी खुद लेनी होगी: नायक
नीति आयोग के सलाहकार श्री के नायक ने छत्तीसगढ के दंतेवाडा जिले के जावंगा में आज आयोजित 'ग्लोबल ट्रायबल इंटरप्रेन्योरशिप' समिट में अपना सुझाव साझा किए

दंतेवाड़ा। नीति आयोग के सलाहकार श्री के नायक ने छत्तीसगढ के दंतेवाडा जिले के जावंगा में आज आयोजित 'ग्लोबल ट्रायबल इंटरप्रेन्योरशिप' समिट में अपना सुझाव साझा करते हुए कहा कि कोई शहर से आकर गांवों का विकास करवा देगा, यह सोचना गलत होगा।
नीति आयोग, छत्तीसगढ़ सरकार और ग्लोबल इंक्यूबेटर कंपनी की ओर से आयोजित इस समिट में नायक ने कहा कि गांवों के लोगों को अपने विकास की जिम्मेदारी खुद लेना होगी। पब्लिक, प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर विकास करने की जरूरत है। वनोपज कृषि उत्पाद का वेल्यू चेन बनाने में इससे मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि दक्षिण बस्तर में 76 प्रतिशत से ज्यादा आदिवासी हैं, लेकिन आर्थिक उन्नति में उनकी सहभागिता बहुत कम है।
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री वाय एस चौधरी और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ऑडिटोरियम जावंगा में मौजूद लोगों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दंतेवाड़ा ही वह जगह है जहां से लाइवलीहुड कॉलेज, एजुकेशन सिटी, दंतेश्वरी सेवा योजना जैसी योजनाएं बनकर निकलीं और राज्य ही नहीं पूरे देश में इसे अपनाया जाने लगा है।
इस समिट से भी काफी कुछ निकलकर सामने आएगा।
वर्ष 2007 से केरल में जैविक खेती कर रहे अमेरिकी नागरिक जॉन स्टीफन ने बताया कि उनके खेतों में नो केमिकल-ऑनली आर्गेनिक का फार्मूला अपनाया हुआ है। वे नेचर से ही पैसे बना रहे हैं। स्टीफन ने खाद के तौर पर यूरिया के इस्तेमाल को खतरनाक बताते कहा कि जिस घातक मटेरियल से विश्वयुद्ध के लिए बम बनाया जाता था, उसे खेतों में इस्तेमाल कर कैंसर, हार्ट की बीमारियां, डायबिटीज को बढ़ावा देना गलत है। उन्होंने कहा कि यूरिया का इस्तेमाल पूरी तरह बंद होना चाहिये।
असम से आए उद्यमी टेनजिंग बोडोसा ने अपने आइडियाज शेयर करते बताया कि 13 साल की उम्र से निजी कंपनी में काम करते हुए लोगों से मिलकर भाषाएं सीखीं। ड्राइविंग, मैकेनिकल ज्ञान और भाषा सीखने से उन्हें आगे बढऩे में मदद मिली। हाथियों, भालू अन्य जंगली जानवरों के लिए अलग से बफर जोन बनाकर उन्हें फसल से दूर रखने की तकनीक भी इजाद की।
गांव में ही चाय के बागान को पूर्णतरू जैविक तरीके से विकसित किया है।
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री वाय एस चौधरी का प्रवास ऐन वक्त पर टलने से बस्तर सांसद दिनेश कश्यप ने समिट का शुभारंभ किया। भारत में हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन भी नहीं आए। सांसद कश्यप ने अपने संबोधन में कहा कि बस्तर हिंदुस्तान में सबसे सुंदर जगह है, लेकिन बाहर इसकी गलत छवि बन गई है।


