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जम्मू-कश्मीर के लोगों को मिलेगा अपने प्रतिनिधि चुनने का अवसर : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के प्रशासन में एक नई कार्यसंस्कृति और पारदर्शिता लाने की कोशिश की है

जम्मू-कश्मीर के लोगों को मिलेगा अपने प्रतिनिधि चुनने का अवसर : प्रधानमंत्री
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के प्रशासन में एक नई कार्यसंस्कृति और पारदर्शिता लाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने प्रतिनिधि चुनने का अवसर मिलेगा और वहां ऊर्जावान मुख्यमंत्री और मंत्री बनेंगे।

जम्मू-कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद प्रधानमंत्री पहली बार देशवासियों को संबोधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने प्रतिनिधि चुनने का अवसर मिलेगा और वहां ऊर्जावान मुख्यमंत्री और मंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि वहां आईआईटी और एम्स के साथ-साथ सिंचाई और बिजली परियोजनाएं लगाई जाएं।

मोदी ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में केंद्रीय और राज्य स्तर के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिससे स्थानीय नौजवानों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी प्रदेश के नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों में अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए अल्पसंख्यक कानून लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसा अब तक नहीं हो पाया। प्रधानमंत्री ने कहा, "देश के अन्य राज्यों में श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए न्यूनतम मजदूरी कानून लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में यह सिर्फ कागजों पर ही है। नई व्यवस्था में केंद्र सरकार की यह प्राथमिकता होगी कि राज्य के कर्मचारियों को, जम्मू-कश्मीर पुलिस को, दूसरे केंद्र शासित प्रदेश के कर्मचारियों और वहां की पुलिस के समान सुविधाएं मिलें।

उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों में सफाई कर्मचारियों के लिए सफाई कर्मचारी कानून लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के सफाई कर्मचारी इससे अब तक वंचित रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के दूसरे प्रदेशों में दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसा काननू नहीं बन पाया।

उन्होंने कहा, "कोई कल्पना नहीं कर सकता कि संसद इतनी बड़ी संख्या में कानून बनाए और वो देश के एक हिस्से में लागू ही न हो। हमारे देश में कोई भी सरकार हो, वह संसद में कानून बनाकर, देश की भलाई के लिए काम करती है। किसी भी दल की सरकार हो, किसी भी गठबंधन की सरकार हो, यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है।


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