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इंदौर में जन आंदोलन बन रहा जनशक्ति अभियान

मध्य प्रदेश में जन-शक्ति अभियान को जन आंदोलन बनाने की कोशिशें जारी

इंदौर में जन आंदोलन बन रहा जनशक्ति अभियान
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इंदौर। मध्य प्रदेश में जन-शक्ति अभियान को जन आंदोलन बनाने की कोशिशें जारी हैं। इंदौर ने इस मामले में बाजी मारी है। यहां बारिश के पानी को संरक्षित करने और भूगर्भीय जल की मात्रा बढ़ाने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस कोशिश के तहत यहां नगर निगम ने एक ही दिन में 1500 वर्षा-जल संचयन प्रणाली स्थापित करने का कीर्तिमान बनाया है। केंद्र सरकार ने देश में जल संरक्षण में जन भागीदारी के मकसद से 'जनशक्ति अभियान' शुरू किया है। इस अभियान में मध्य प्रदेश अपनी भागीदारी और हिस्सेदारी निभाने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है। इंदौर नगर निगम ने घर-घर में बारिश के जल को जमीन में उतारने का संकल्प लिया है। इस कोशिश का यहां असर नजर आने लगा है। एक तरफ जहां वर्षा-जल संचयन प्रणाली लगाने का अभियान जारी है, तो दूसरी ओर जनजागृति लाने के लिए जल मित्र बनाए जा रहे हैं।

नगर निगम आयुक्त आशीश सिंह ने बताया, "आमजन में आ रही जागरूकता का ही नतीजा है कि शहर में गत 25 अगस्त को एक अभियान के रूप में एक दिन में 1500 वर्षा-जल संचयन प्रणाली लगाने का रिकार्ड कार्य किया गया है। इतना ही नहीं स्थानीय निवासियों को अपने-अपने घरों में वर्षा काल के दौरान वर्षा जल को जमीन में उतारने के लिए वर्षा-जल संचयन प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए नगर निगम ने एक एप भी बनाया है। इस एप के जरिए नागरिक वर्षा-जल संचयन प्रणाली लगवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। शहर में प्रत्येक जोन में छह से सात टीमें गठित की गई हैं। प्रत्येक टीम में तीन सदस्य हैं।"

नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह ने बताया, "इंदौर शहर में कुल 50000 वर्षा-जल संचयन प्रणाली लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से पहले चरण में 10,000 वर्षा-जल संचयन प्रणाली लगाने का लक्ष्य है। इसे पूरा करने के लिए तेजी से कार्य चल रहा है। अब तक 2200 वर्षा-जल संचयन प्रणाली लगाए जा चुके हैं।"

इंदौर नगर निगम के अनुसार, नगर निगम की सीमा में भूजल की क्षमता बढ़ाने के लिए वर्षा-जल संचयन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। नगर निगम के इस अभियान में आमजन का भरपूर साथ मिल रहा है। लोगों में जागरूकता बढ़ रही है और वे अपने-अपने घरों और संस्थानों में छत का पानी जमीन में उतारने के लिए वर्षा-जल संचयन प्रणाली लगवा रहे हैं।

निगम द्वारा वर्षा-जल संचयन के लिए 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर सीएसआर के तहत वर्षा-जल संचयन प्रणाली वाला कैप्सूल नि:शुल्क दिया जा रहा है। इसके चलते भवन स्वामी को सिर्फ मजदूरी और लगने वाली सामग्री की राशि देना होती है। वर्षा-जल संचयन प्रणाली लगाने के लिए विशेषज्ञ भी नगर निगम द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

नगर निगम के अनुसार, वर्षा-जल संचयन प्रणाली की लाइव स्थिति देखने के लिए संबंधित स्थान पर जियो टैगिंग बारकोड लगाने का निर्णय भी लिया गया है। इसके द्वारा संबंधित स्थान की लाइव लोकेशन देखी जा सकेगी। शहर में जनजागृति लाने के लिए जल मित्र बनाए जा रहे हैं। ये जल मित्र घर-घर जाकर नागरिकों को प्रेरित करेंगे, जल की महत्ता बताएंगे।


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