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कोरोना को लेकर गांवों में लोग काफी जागरूक : तोमर

केंद्रीय पंचायती राज, ग्रामीण विकास, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के प्रति गांव के लोग काफी जागरूक हैं

कोरोना को लेकर गांवों में लोग काफी जागरूक : तोमर
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नई दिल्ली। केंद्रीय पंचायती राज, ग्रामीण विकास, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के प्रति गांव के लोग काफी जागरूक हैं और प्रवास से गांव वापस लौट रहे लोगों की स्क्रीनिंग से लेकर उनको क्वोरंटीन करने का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

खासतौर से प्रवासी मजदूरों के शहरों से घर लौटने से गांवों में वायरस के संक्रमण की आशंका जताई जा रही है, लेकिन तोमर ने आईएएनएस के साथ खास बातचीत में कहा कि गांवों में कोरोना के प्रति जागरूकता काफी हो गई है और इस संकट से निपटने के लिए पंचायतों की ओर से एहतियात के तमाम उपाय किए गए हैं।

पंचायती राज मंत्री ने कहा कि घर वापस लौट रहे लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है और साथ ही गांव के बाहर, स्कूलों व अन्य भवनों में उन्हें क्वोरंटीन किया जा रहा है।

गांवों मंे कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम में पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका पर पूछे गए सवाल पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने आईएएनएस से कहा, "एहतियाती उपायों का प्रबंध जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है, लेकिन पंचायती राज संस्थाओं की इसमें भूमिका है। जब कोई व्यक्ति बाहर से गांव पहुंच रहा है, उसकी स्क्रीनिंग की जा रही है और उसके बाद उनको क्वोरंटीन किया जा रहा है।"

उन्होंने कहा कि पंचायतों के सरपंच से लेकर पंचायत सचिव, आशाकर्मी सब अपनी भूमिका निभा रहे हैं। कोरोनावायरस के प्रकोप से महागनगरों में आर्थिक गतिविधियां शिथिल पड़ गई हैं, जिससे प्रवासी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है, लेकिन गांवों में खेती-किसानी और इससे जुड़े तमाम कार्य देशव्यापी लॉकडाउन के पहले चरण से ही जारी है। यही वहज है कि शहरों और औद्योगिक नगरों से भारी तादाद में प्रवासी मजदूर गृह वापसी कर रहे हैं।

गांवों मंे फसलों की कटाई-बुवाई समेत तमाम आर्थिक गतिविधियों के जारी रहने के बावजूद कोरोना संक्रमण के एहतियाती उपाय के तौर पर दो गज की दूरी के नियमों का पालन किया जा रहा है। इससे ग्राम पंचायतों पर पड़ने वाले बोझ के संबंध में पूछे जाने पर तोमर ने कहा, "पंचायातों पर निश्चित रूप से बोझ बढ़ेगा, लेकिन पंचायतों को हम 15वें वित्त आयोग की राशि जारी कर रहे हैं और विकास की परियोजनाओं में अगर नई परिस्थितियों को भी जोड़ेंगे तो स्थिति बेहतर होगी।"

उन्होंने कहा कि गांवों में लोग अपने घर लौट रहे हैं और जिनके पास घर नहीं है, उनके लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना है।

केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा, "गांव लौट रहे जिन लोगों के पास घर नहीं है, उनको ग्रामीण आवास योजना का लाभ मिल रहा है और जिनके पास काम नहीं है, उनको मनरेगा के तहत काम मिल रहा है।"

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यानी मनरेगा की स्कीमों के लिए हाल ही में 40000 करोड़ रुपये की अतिरिक्ति राशि का आवंटन किया है। इससे पहले मनरेगा के तहत मजदूरों की दैनिक मजदूरी की दर 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये कर दी गई है।


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