तमिलनाडु में लोग केंद्र सरकार के काम से असंतुष्ट : जनमत सर्वेक्षण
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यो से तमिलनाडु के लोग असंतुष्ट हैं

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यो से तमिलनाडु के लोग असंतुष्ट हैं। यह बात आईएएनएस सी-वोटर द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में सामने आई है। यह सर्वेक्षण तमिलनाडु, केरल पश्चिम बंगाल, असम और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में किया गया है, जहां मार्च-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं।
सर्वेक्षण में यह बात भी सामने आई है कि पश्चिम बंगाल और असम में लगभग 70 प्रतिशत लोग वर्तमान केंद्र सरकार से संतुष्ट हैं। केरल और पुडुचेरी में लगभग 60 प्रतिशत लोग केंद्र सरकार की योजनाओं और नीतियों से संतुष्ट हैं।
सर्वे में शामिल लोगों के निष्कर्षों से पता चला है कि तमिलनाडु में कुल 6.24 प्रतिशत लोग सरकार की नीतियों से बहुत संतुष्ट हैं और 22.71 प्रतिशत लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं। वहीं प्रदेश के 50.53 प्रतिशत लोग केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से पूरी तरह से असंतुष्ट हैं।
असम में 41.94 प्रतिशत लोग केंद्र सरकार से बहुत संतुष्ट हैं और 26.72 प्रतिशत लोग कुछ हद तक केंद्र सरकार से संतुष्ट हैं।
इसी तरह, पश्चिम बंगाल में 45.62 प्रतिशत लोग केंद्र सरकार से बहुत संतुष्ट हैं और 23.49 प्रतिशत लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं।
केरल में 28.67 प्रतिशत लोग सरकार से बहुत अधिक संतुष्ट हैं और 29.63 प्रतिशत लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं।
पुडुचेरी में लगभग 22.46 प्रतिशत लोग सरकार से संतुष्ट हैं, जबकि 23.7 प्रतिशत कुछ हद तक संतुष्ट हैं।
तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, असम और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के मार्च-मई महीने के दौरान चुनाव निर्धारित हैं। चुनाव आयोग ने चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के लिए मतदान की तारीखों की घोषणा कर दी है। मतदान 27 मार्च से शुरू होगा और मतों की गिनती 2 मई को होगी।
बंगाल में विधानसभा चुनाव 27 मार्च, 1 अप्रैल, 6 अप्रैल, 10 अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को आठ चरणों में होंगे। केरल और पुडुचेरी में 6 अप्रैल एक ही चरण में मतदान होगा।
तमिलनाडु में चुनाव 6 अप्रैल को एक ही चरण में होंगे। असम में लोग 27 मार्च, 1 अप्रैल और 6 अप्रैल को तीन चरणों में मतदान करेंगे। सभी राज्यों के वोटों की गिनती 2 मई को होगी।
इस सर्वेक्षण के लिए असम की 126 सीटों से आने वाले कुल 4,776 लोगों से बातचीत की गई। इसके अलावा केरल की 140 सीटों से 8,796 लोग, पुडुचेरी की 30 सीटों से 1,647 लोग, तमिलनाडु की 234 सीटों में से 16,457 लोग और पश्चिम बंगाल की 294 सीटों से आने वाले 38,932 लोगों ने इस सर्वेक्षण में भाग लिया।


