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टूट जाएगा पाकिस्तान? पीओके में थम नहीं रहा लोगों का गुस्सा

सोमवार को महंगाई के खिलाफ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पाकिस्तानी रेंजर्स ने फायरिंग कर दी

टूट जाएगा पाकिस्तान? पीओके में थम नहीं रहा लोगों का गुस्सा
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सोमवार को महंगाई के खिलाफ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पाकिस्तानी रेंजर्स ने फायरिंग कर दी. इस गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई. लोग महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बिजली बिल और महंगाई के खिलाफ लोगों के विरोध प्रदर्शन का सोमवार को चौथा दिन था. प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प के दौरान पाकिस्तानी रेंजर्स ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें कम से कम तीन लोग मारे गए.

मुजफ्फराबाद के डिप्टी कमिश्नर नदीम जांजुआ ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि "तीन प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, तीनों की मौत गोली लगने से हुई. फिलहाल आठ लोगों के घायल होने की खबर है."

कंबाइंड मिलिट्री हॉस्पिटल के एक डॉक्टर ने इससे पहले एएफपी को बताया, "कई रेंजर्स भी घायल हुए हैं, उनकी सूची तैयार की जा रही है." इसी अस्पताल के एक और डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा मृतकों में एक नौवीं कक्षा का छात्र है और दूसरा मृतक 30 साल का व्यक्ति है.

यह विरोध प्रदर्शन अवामी एक्शन कमेटी के बैनर तले हो रहा है, जिसका नेतृत्व ज्यादातर व्यापारी कर रहे हैं. शहबाज शरीफ सरकार ने सोमवार को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लिए 24 अरब रुपये का बजट मंजूर किया है, इसके बावजूद विरोध प्रदर्शनों में 10 हजार से अधिक लोग शामिल हुए.

विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए संघीय सरकार ने क्षेत्र में पाकिस्तानी रेंजर्स को भेजा और वहां इंटरनेट सेवाएं बंद रही.

सब्सिडी की घोषणा

सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में एक आपातकालीन बैठक के बाद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक ने कहा कि बिजली और आटे के लिए सब्सिडी के वित्तीय पैकेज की व्यवस्था की गई है.

शरीफ के साथ बैठक के बाद हक ने बिजली दरों में कटौती की घोषणा की. उन्होंने कहा स्थानीय लोग पिछले कई दिनों से सस्ती बिजली और आटा पर सब्सिडी की मांग कर रहे थे. उन्होंने कहा कोई भी सुलभ बिजली और सस्ते आटा की जरूरत को नजरअंदाज नहीं कर सकता.

अवामी एक्शन कमेटी के एक सदस्य सरदार साकिब शाहीन ने इस्लामाबाद में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "कुछ मांगें पूरी हुईं और कुछ नहीं हुईं."

महंगाई की मार से परेशान पाकिस्तान

पाकिस्तान को हाल ही में एक बड़े वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण आयात ठप्प हो गया, मुद्रास्फीति बढ़ गई और डॉलर के मुकाबले रुपया गिर गया. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ समझौतों की मदद से मुद्रास्फीति लगातार कम हुई है और मुद्रा दर स्थिर हो गई है.

पिछले साल मई में महंगाई दर 38 फीसदी तक बढ़ गई थी. जबकि इस अप्रैल में महंगाई दर घटकर 17.3 प्रतिशत हो गई, जो सरकार के पूर्वानुमान से कम है. पाकिस्तान का कहना है कि आने वाले महीनों में देश की आर्थिक स्थिति में और अधिक सुधार की उम्मीद है.

ताजा संधि पर बातचीत के लिए वैश्विक कर्जदारों की एक टीम इस महीने के अंत में पाकिस्तान का दौरा करने वाली है.


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