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पेंशन गतिरोध केंद्र की मध्यस्थता के बाद सुलझ गया

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच लंबे समय से चल रहा धन हस्तांतरण संबंधी एक विवाद गुरुवार को केंद्र की मध्यस्थता के बाद सुलझ गया।

पेंशन गतिरोध केंद्र की मध्यस्थता के बाद सुलझ गया
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देहरादून। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच लंबे समय से चल रहा धन हस्तांतरण संबंधी एक विवाद गुरुवार को केंद्र की मध्यस्थता के बाद सुलझ गया। सरकारी अधिकारी ने कहा, दोनों राज्यों के बीच उच्चस्तरीय अधिकारियों की एक बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि उत्तर प्रदेश पहाड़ी राज्य उत्तराखंड की 2,933.13 करोड़ की पेंशन देनदारियों में हिस्सेदार होगा।

सूत्रों ने बताया, यह बैठक 10 जुलाई को नई दिल्ली में गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव की देखरेख में हुई। इसने इस विवाद पर दोनों पक्षों को कुछ समाधान की दिशा में आगे बढ़ने में मदद की।

सरकारी अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, हालांकि संपत्तियों के बंटवारे जैसे अन्य विवाद के मुद्दों पर कोई समाधान नहीं हुआ। दोनों राज्यों के बीच हुए इस समझौते को एक 'आशा की किरण' के रूप में देखा जा रहा है, जो भविष्य में अन्य सकारात्मक विकास में मददगार हो सकती है।

पिछले कई सालों से पेंशन के सैंकड़ों मुद्दे अधर में लटके हुए थे और उत्तराखंड इनको भुगतान करने में असमर्थ था, क्योंकि इसके लिए धन उत्तर प्रदेश से आना था। सन् 2000 में केंद्र की तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने उत्तर प्रदेश से अलग एक नया राज्य उत्तराखंड बनाया था।

बंटवारे के बाद उत्तर प्रदेश द्वारा अपने पड़ोसी राज्य उत्तराखंड को धन के हस्तांतरण पर रोक लगाए जाने के बाद 1 अप्रैल, 2011 में पहाड़ी राज्य के तत्कालीन महालेखा परीक्षक ने इसको लेकर कुछ आपत्तियां उठाई थीं।

दोनों राज्यों के बीच 10 जुलाई को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार को 2,933.13 करोड़ रुपये हस्तांतरण करेगी और भविष्य में उत्तर प्रदेश 1 अप्रैल, 2011 से पेंशनकर्ताओं के लिए धन प्रदान करेगा।


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