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छलका दर्द, व्यवस्थापन से पहले बेदखली, मेयर असहमत

भीषण गर्मी में अतिक्रमण या बेजा कब्जा हटाने पर महापौर का दर्द छलक उठा और उन्होंने सह्दयता पूर्वक विचार कर उक्त कार्य रोके जाने के संदर्भ में नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखा है....

छलका दर्द, व्यवस्थापन से पहले बेदखली, मेयर असहमत
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कार्रवाई पर रोक लगाने निगम आयुक्त को लिखा पत्र
कोरबा। भीषण गर्मी में अतिक्रमण या बेजा कब्जा हटाने पर महापौर का दर्द छलक उठा और उन्होंने सह्दयता पूर्वक विचार कर उक्त कार्य रोके जाने के संदर्भ में नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखा है। कहा गया है कि स्थायी पुनर्वास की व्यवस्था से पहले ठेला गुमटी वालों और अतिक्रमणकारियों को हटाया जाना न्यायसंगत नहीं है और वे इससे असहमत हैं।

महापौर श्रीमती रेणु अग्रवाल ने कहा है कि कोरबा नगर निगम क्षेत्र श्रमवीरों की धरती है। राज्य ही नहीं भारत के कोने-कोने से आकर झोपड़ियों में रहकर केन्द्र व राज्य सरकार के विभिन्न उपक्रमों में सेवाएं तथा लघु व्यवसाय कर जीविकोपार्जन करने वाले लोगों को अतिक्रमण अभियान से जोड़कर बेदखली की कार्यवाही से वे सहमत नहीं हैं। निगम आयुक्त अजय अग्रवाल को लिखे पत्र में महापौर ने कहा है कि शहर को सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए जो प्रयास कर रहे हैं वह सतत् जारी रहेगा लेकिन सौंदर्यीकरण की आड़ में गरीब ठेला-गुमटी चलाने वालों को रोजगार से विहीन कर देना जायज नहीं है। शासन का स्पष्ट निर्देश है कि पहले व्यवस्थापन की कार्यवाही की जावे। जब तक इनका स्थायी पुनर्वास की व्यवस्था नहीं होती तब तक इन्हें हटाया जाना न्याय संगत नहीं होगा। महापौर ने कहा कि सूबे की सरकार प्रशासन तंत्र से लोगों को राहत दिलाने की पैरवी करती है लेकिन जमीनी हकीकत का चेहरा दूसरा है।

गरीब मजलूम लोगों का आशियाना तोड़ना या उनके जीविकोपार्जन का जरिया छीनना प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन है। केन्द्र और राज्य सरकार गरीबों की सबसे बड़ी हितैषी बनती है। रोजगार से जुड़ने स्वयं के व्यवसाय पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन ऐसे छोटे व्यवसायियों को प्रशासकीय ताकत से खदेड़ना, दुकान हटा देना, झोपड़ी तोड़ना जुल्म की श्रेणी में आता है। भीषण गर्मी में हम घरों में सकोरा रखकर पक्षियों की प्यास बुझाने में अपना पुण्य समझते हैं, लेकिन एक निर्धन परिवार का निवाला छीनने में नियमों कानून का हवाला देकर उन्हें सड़क पर ला देना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है।

जिला प्रशासन के निर्देश पर गरीबों को उजाड़ने का कार्य नगर निगम का नहीं है। नगर निगम का काम गरीब तपके के लोगों की सेवा करना व लोगों को सुविधा देना है। जब तक फुटपाथ में ठेला-गुमटी चलाने वालों का व्यवस्थापन नहीं हो जाता तब तक ऐसी निर्मम कार्यवाही पर रोक लगाई जाए।


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