संतों के आशीर्वाद से छत्तीसगढ़ में शांति और विकास का वातावरण - रमन
राजिम कुंभ कल्प मेला में विराट संत समागम समारोह का उद्घाटन करते हुए जगतगुरू स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य धर्म और संस्कृति की स्थापना के लिए बेहतर काम कर रही है

राजिम। राजिम कुंभ कल्प मेला में विराट संत समागम समारोह का उद्घाटन करते हुए जगतगुरू स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य धर्म और संस्कृति की स्थापना के लिए बेहतर काम कर रही है। संतों के आषीर्वाद से शांति और समृद्धि का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य धर्म परायण क्षेत्र है, जहां संतों की सेवा होती है।
स्वामी जी ने युवाओं से मार्ग दर्षन देते हुए कहा कि युवा देष की ताकत है उसे नषामुक्त होना चाहिए। स्वामीजी ने देष की उन्नति के लिए राष्ट्र के इतिहास को समझते हुए उस पर गर्व करने की सलाह दी। उन्होंने राजिम कुंभ को कुंभ के रूप में प्रमाणित किया। हमारा देष धर्म निरपेक्ष देष है धर्मनिरपेक्ष का अर्थ होता है जहां धर्म और भाषा एक हो हमारे देष की संस्कृति है कोई भी किसी भी धर्म का पालन कर सकता है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री मान. डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राजिम कुंभ के माध्यम से छत्तीसगढ़ प्रदेश को देश और दुनिया में पहचान बनाने में सफलता मिली है और यह सफलता संतो के आशीर्वाद से संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि राजिम कुंभ कल्प की स्थापना से लेकर आज तक हमें जगद्गुरू शंकराचार्य स्वरूपानंद जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त होता रहा है। संतों के आशीर्वाद से विगत 13 वर्षों में छत्तीसगढ़ में कभी अकाल व प्राकृतिक आपदाएं नहीं आई।
राजिम कुंभ कल्प का यह तेरहवां वर्ष है। इस वर्ष हमने नदी स्वच्छता एवं संवर्धन के लिए मैराथन दौड़ का आयोजन तथा संतों के सम्मान में तीन लाख मिट्टी के दिए जलाए गए जो कि एक विष्व कीर्तिमान है साथ ही कल 15 सौ सामूहिक शंखनाद से शांति और विकास का संदेष जाएगा।
राजिम कुंभ से सनातन धर्म का संदेश- धर्मस्व एवं न्यास मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कुंभ में पधारे समस्त संतो तथा श्रध्दालुओं सहित आमंत्रित अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि आज जगतगुरू शंकराचार्य राजिम कुंभ कल्प में आषीर्वाद देने आए हैं। उन्होंने बताया कि आज 3.30 लाख मिट्टी के दिए विष्व शांति के लिए जलाए गए है।
राजिम कुंभ की धरती से पूरे विष्व के लिए सनातन धर्म का संदेष प्रसारित होगा। शुभारंभ अवसर पर उच्च षिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाष पाण्डे, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री अजय चंद्राकर, महिला एवं बाल विकास मंत्री रमषीला साहू, स्थानीय विधायक संतोष उपाध्याय, संसदीय सचिव, अन्य विधायकगण के अलावा धर्मस्व सोनमणी बोरा, संचालक जितेन्द्र षुक्ला, प्रबंध संचालक एमके नंदी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि अधिकारी एवं बड़ी संख्या में साधु-संत, श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
गोल्डन बुक ऑफ द वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज- इस अवसर पर 3.30 लाख मिट्टी के दिए जलाए गए, जिसे गोल्डन बुक ऑफ द वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया। इस आषय का प्रमाण पत्र एषिया प्रमुख डॉ. मनीष बिसनोई ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एवं धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को प्रमाण पत्र सौंपा।


