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पवन खेड़ा का मायावती पर हमला, कहा- जो भी पचास फीसदी आरक्षण की सीमा खत्म करने का समर्थक, मैदान में आए

बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी सिर्फ चुनाव के समय दलित और पिछड़ों का वोट लेना चाहते हैं, और अमेरिका में जाकर कहते हैं कि इसे हटा देंगे

पवन खेड़ा का मायावती पर हमला, कहा- जो भी पचास फीसदी आरक्षण की सीमा खत्म करने का समर्थक, मैदान में आए
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नई दिल्ली। बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी सिर्फ चुनाव के समय दलित और पिछड़ों का वोट लेना चाहते हैं, और अमेरिका में जाकर कहते हैं कि इसे हटा देंगे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मायावती की बात को सिरे से खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा, "मायावती की इस बात को कौन मानेगा? हम पूरे देश में हर राजनीतिक पार्टी को चुनौती दे रहे हैं कि जो राहुल गांधी ने कहा है कि इस देश से 50 फीसदी आरक्षण की सीमा खत्म हो, कौन सी पार्टी इस मांग से सहमत है। सामने आए। वह हमारा साथ दे, और हमारी इस मांग को मजबूत करे।"

बता दें कि मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोलते होते हुए कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी की एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण नीति स्पष्ट नहीं, बल्कि दोगली एवं छल कपट की है।

बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "कांग्रेस व राहुल गांधी की एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण नीति स्पष्ट नहीं बल्कि दोगली एवं छल कपट की है। अपने देश में इनके वोट के लिए ये आरक्षण का समर्थन व इसे 50 प्रतिशत से ऊपर बढ़ाने की वकालत तथा विदेश में जाकर आरक्षण को खत्म करने की बात करते हैं। इनके इस दोहरे मापदण्ड से लोग सचेत रहें।"

उन्होंने आगे कहा कि यह भी सच है कि केंद्र में इनकी सरकार ने ओबीसी आरक्षण संबंधी मण्डल कमीशन रिपोर्ट लागू नहीं की थी। साथ ही, बीएसपी के संघर्ष से एससी/एसटी के पदोन्नति में आरक्षण को प्रभावी बनाने के लिए संसद में लाए गए संविधान संशोधन बिल को भी कांग्रेस ने पास नहीं होने दिया, जो अभी तक लंबित है।

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि ना ही इस मामले में इनकी सरकार ने कोर्ट में सही से पैरवी की थी। इस आरक्षण विरोधी कांग्रेस व अन्य पार्टियों से भी लोग सजग रहें। साथ ही, केंद्र में रही कांग्रेसी सरकार द्वारा जातीय जनगणना नहीं कराना और अब सत्ता से बाहर होने पर आवाज उठाना, यह सब ढोंग नहीं तो और क्या है?


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