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मोदी के खिलाफ आवाज उठाने वाले पटोले बने महाराष्ट्र में विधानसभाध्यक्ष

महाराष्ट्र के जाने-माने किसान नेता नाना एफ. पटोले दो साल पहले तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विरोध के स्वर उठाए थे

मोदी के खिलाफ आवाज उठाने वाले पटोले बने महाराष्ट्र में विधानसभाध्यक्ष
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मुंबई। महाराष्ट्र के जाने-माने किसान नेता नाना एफ. पटोले दो साल पहले तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विरोध के स्वर उठाए थे। पटोले अब प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष बन गए हैं। पटोले महाराष्ट्र में 14वीं विधानसभा के अध्यक्ष पद पर रविवार को निर्विरोध निर्वाचित हुए। प्रदेश के भंडारा गोंदिया लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद पटोले ने मोदी और केंद्र व प्रदेश में पार्टी नेताओं का विरोध कर पार्टी को अलविदा कहकर दिसंबर 2017 में अपनी सीट छोड़ दी थी।

उन्होंने 14 बिंदुओं का जिक्र करते हुए अपना त्यागपत्र दिया था। उन्होंने महाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी योजना लागू करने के तरीकों को लेकर प्रदेश सरकार की आलोचना भी की थी।

पटोले ने गुजरात विधानसभा के अहम चुनाव से कुछ ही घंटे पहले अपना इस्तीफा दिया। उन्होंने घर वापसी करते हुए कांग्रेस का दामन थामा। पटोले ने उस चुनाव के दौरान मोदी के गृह राज्य में भाजपा के खिलाफ आक्रामक तरीके से चुनाव प्रचार किया था।

अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और किसान नेता पटोले (56) ने 1990 में भंडारा जिला परिषद से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। वह पहली बार 1999 में कांग्रेस विधायक के तौर पर निर्वाचित हुए थे और उसके बाद 2004 में चुनाव जीते। बाद में 2009 में वह भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे।

पटोले 2008 तक कांग्रेस के साथ रहे उसके बाद एक साल तक निर्दलीय रहे। उसके बाद 2009 में वह भाजपा में शामिल हो गए और पूर्वी महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके की सकोली सीट से चुनाव जीते।

पटोले ने 2014 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता, तत्कालीन सांसद व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल को चुनाव में पराजित कर बड़ी कामयाबी हासिल की थी। लेकिन, उन्होंने दिसंबर 2017 में सीट से इस्तीफा दे दिया।

पटोले दोबारा कांग्रेस में वापस आ गए और 2019 में वह भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे लेकिन सफल नहीं हो पाए।

शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के बीच बने महा विकास अघाड़ी गठबंधन के पिछले सप्ताह प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद पटोले विधानसभाध्यक्ष के रूप में निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। भाजपा ने विधानसभा पद के लिए अपने उम्मीदवार किशन कथोरे का नाम वापस ले लिया था।


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