पटना में बोधिसत्व अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव शुरू
पटना ! बिहार की राजधानी पटना में गुरुवार को 'बोधिसत्व अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव' 2017 की शुरुआत हुई।

पटना ! बिहार की राजधानी पटना में गुरुवार को 'बोधिसत्व अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव' 2017 की शुरुआत हुई। आठ दिनों तक चलने वाले इस फिल्मोत्सव में देश-विदेश की कुल 102 फिल्में दिखाई जाएंगी। गैर सरकारी संगठन ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन की ओर से आयोजित आठ दिवसीय फिल्म महोत्सव के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए बिहार के कला-संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री शिवचंद्र राम ने कहा, "फिल्में हमारी समाज, सोच, सभ्यता और संस्कृति को दिखाती हैं। ऐसे उत्सवों से लोगों को कई भाषाओं की फिल्में देखने का अवसर मिलता है।"
मंत्री ने कहा कि बिहार की नीतीश सरकार राज्य में फिल्मों के विकास के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा, "बिहार में फिल्मों के विकास के लिए जल्दी ही भारत की सबसे उन्नत फिल्म नीति सामने आएगी, जिसके तहत हम बाहर से आने वाले फिल्म निमार्ताओं को सम्मान और सुरक्षा उपलब्ध कराएंगे। राज्य की फिल्म नीति अब अंतिम दौर में है। जल्द ही राज्य की अपनी फिल्म नीति होगी।"
इस मौके पर फिल्म अभिनेता और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि भले ही वह राजनेता के तौर पर अधिक सक्रिय हैं, लेकिन सिनेमा उनका पहला प्यार रहा है। उन्होंने कहा, "आज के समय में जो कुछ भी हूं, वह सिनेमा की वजह से हूं और सिनेमा के कारण ही लोग मुझे जानते हैं। सिनेमा का मतलब केवल मनोरंजन करना नहीं है। सिनेमा में कई रस हैं।"
बिहार में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फिल्म महोत्सव के आयोजन को एक सराहानीय कदम बताते हुए उन्होंने इसके आयोजनकर्ताओं को बधाई भी दी।
जानीमानी गायिका और पद्मश्री शारदा सिन्हा ने कहा, "मैं एक गायिका हूं। सिनेमा से बहुत अधिक जुड़ी नहीं हूं, लेकिन जितनी भी जुड़ी हूं, मुझे काफी प्यार मिला है।"
उन्होंने आगे कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पटना में फिल्मोत्सव का आयोजन किया जाना बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि बिहार में फिल्म सिटी के निर्माण की जरूरत है। बिहार में सिनेमाघरों की कमी आई है, सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन की अध्यक्ष स्नेहा राउत्रे ने कहा पटना में फिल्म महोत्सव का आयोजन किए जाने से राज्य के लोगों को फिल्म से जुड़ी बातों को करीब से जानने का अवसर मिलेगा। उन्होंने समाज में हर मुद्दे पर आधारित फिल्म बनाने की जरूरत बताते हुए कहा कि फिल्म और कला के माध्यम से पूरे समाज को जोड़ा जा सकता है।
इस मौके पर महोत्सव के चेयरमैन गंगा कुमार, अभिनेत्री सोनल झा, निर्देशक लीना यादव, फिल्म की ज्यूरी सदस्य पंकजा ठाकुर, गरिमा मिश्रा व पंकज श्रेयस्कर ने भी अपने विचार व्यक्त किए।


