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पटना एम्स के डॉक्टरों ने टेलीमेडिसिन के जरिए दिल्ली-एनसीआर में किया इलाज

पटना स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने न केवल बिहार के मरीजों का इलाज किया, बल्कि रविवार को उन्होंने टेलीमेडिसिन के जरिए दिल्ली-एनसीआर में 40 से अधिक मरीजों का भी इलाज किया

पटना एम्स के डॉक्टरों ने टेलीमेडिसिन के जरिए दिल्ली-एनसीआर में किया इलाज
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पटना। पटना स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने न केवल बिहार के मरीजों का इलाज किया, बल्कि रविवार को उन्होंने टेलीमेडिसिन के जरिए दिल्ली-एनसीआर में 40 से अधिक मरीजों का भी इलाज किया। इस दौरान एम्स के डॉक्टरों से 100 से अधिक लोगों ने ऑनलाइन परामर्श लिया।

एम्स के ट्रॉमा एंड इमरजेंसी के प्रमुख डॉ. अनिल कुमार, त्वचा विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. स्वेतलीना प्रधान और चिकित्सक डॉ. हिलबत्र साहू ने दिल्ली-एनसीआर के लोगों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना और उनके सवालों का जवाब दिया।

पूछे गए प्रश्नों की अधिकतम संख्या कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर और बच्चों की सुरक्षा के संबंध में थी।

डॉ.अनिल कुमार ने इसे बहुत अच्छी पहल बताया। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान न केवल डॉक्टरों के पास गए बिना मरीजों का इलाज संभव था, बल्कि वायरस और इसके विभिन्न रूपों के बारे में लोगों की जागरूकता भी बढ़ी।

स्वेतलीना प्रधान ने बताया कि कोविड के बाद बाल झड़ने को लेकर सवाल पूछे गए थे। उन्होंने लोगों को तनाव कम करने, दोस्तों और परिवार से बात करने और अच्छा पोषण लेने की सलाह दी और बालों के झड़ने से बचने के लिए कुछ दवाएं बताईं।

डॉ. साहू ने माता-पिता से बच्चों को जंक फूड से बचाने का आग्रह किया, ताकि उनमें मोटापा कम किया जा सके। उन्होंने बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए खान-पान पर ध्यान देने की सलाह दी।

कई लोगों ने कहा कि यह दिल्ली एनसीआर में भी लोगों के लिए एक नया अनुभव था, जो एक तरह का 'सामुदायिक पहुंच' था। लोगों ने इसे एम्स की एक बड़ी पहल बताते हुए दूसरे डॉक्टरों को भी ऐसा करने की सलाह दी।


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