दवा विक्रेताओं की हड़ताल से मरीज हुए बेहाल
राजस्थान केमिस्ट ऐसोसिएशन की चौबीस घंटे की हड़ताल के कारण आज मरीजों को दवा के लिये भटकना पडा वहीं सरकार की ओर से की गयी वैकल्पिक व्यवस्था भी नाकाफी साबित हुई

जयपुर। राजस्थान केमिस्ट ऐसोसिएशन की चौबीस घंटे की हड़ताल के कारण आज मरीजों को दवा के लिये भटकना पडा वहीं सरकार की ओर से की गयी वैकल्पिक व्यवस्था भी नाकाफी साबित हुई।
केन्द्र सरकार की ई—पोर्टल और दवाओं के आॅन लाइन व्यापार के खिलाफ आज समूचे प्रदेश में दवा विक्रेता 24 घंटे के लिए हडताल पर है। हड़ताल शुरू होने के कुछ ही समय राजधानी जयपुर के अस्पतालों और आउटडोर में आए मरीज दवाओं के लिए भटकते नजर आए।
प्रदेश में सभी पचास हजार दवा की दुकानों के बंद रहने से अस्पतालों में भर्ती मरीजो के परिजन भटकते रहे। इस बीच सरकार की ओर से अस्पतालों में निशुल्क दवा येाजना, लाइफ लाइन ड्रग स्टोर एवं उपभोक्त संघ के दवा स्टोर्स पर दवाएं मिलने से मरीजों के परिजनो की वहां भीड देखी गयी।
दवा विक्रेताओं की हडताल के कारण एसएमएस अस्पताल, जेकेलोन, गणगौरी बाजार अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पतालों के सामने स्थित निजी मेडिकल स्टोर्स बंद थे। अस्पतालों में भर्ती मरीज उन दवाईयों के लिए भटकते रहे जो अस्पतालों में निशुल्क दवा योजना और लाइफ लाइन ड्रग स्टोर्स पर उपलब्ध् नहीं थी।
हांलाकि अस्पतालों के अधीक्षक यही दावे करते रहे कि वैकल्पिक व्यवस्थाओं के चलते मरीजों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। राजधानी के सबसे बडे एसएमएस अस्पताल में वार्डो में जब चिकित्सकने राउंड के दौरान मरीजों को दवाएं लिखी तो अस्पताल के वैकल्पिक इंतजाम धराशाई हो गए।
मरीजों को कई दवाएं न तो लाइफ लाइन ड्रग स्टोर पर मिली और न ही निशुल्क दवा योजना के काउंटरों पर। यही हाल समूचे प्रदेश में रहे।


