डायलिसिस कराने 6 माह से चक्कर काट रहा मरीज
डायलिसिस कराने के लिए 6 माह से एक मरीज जिला अस्पताल के चक्कर काट रहा है

बिलासपुर। डायलिसिस कराने के लिए 6 माह से एक मरीज जिला अस्पताल के चक्कर काट रहा है। लेकिन मशीन बंद होने से उसका डायलिसिस नहीं हो पा रहा है। जिससे वह निजी अस्पताल में इलाज कराने मजबूर हो रहा है।
तखतपुर के ग्राम ताड़ा अधियापारा निवासी पुरूषोत्तम गौतम पिता उमेंद्र यादव पिछले 6 महीने से अपना डायलिसिस कराने के लिए जिला अस्पताल के चक्कर काट रहा है। लेकिन डायलिसिस मशीन खराब होने से उसका डायलिसिस नहीं हो पा रहा है। वहीं निजी अस्पतालों में डायलिसिस कराने के लिए मरीज के पास उतने रूपये नहीं है। पुरूषोत्तम ने बताया कि 2014 से वह हेपेटाइटिस बी एचआईवी का मरीज है। सप्ताह में दो बार डायलिसिस कराना पड़ता है।
जिला अस्पताल में डायलिसिस का शुल्क 400 रूये लगता है। वहीं निजी अस्पतालों में 3 से 4 हजार रूपये फीस ली जाती है। 6 माह से जिला अस्पताल आ रहा है लेकिन मशीन खराब है जिससे डायलिसिस नहीं हो पा रहा है। जिला अस्पताल में डायलिसिस के तीन मशीन हैं जिसमें दो मशीन सामान्य मरीजों के लिए है।
वहीं एक मशीन हेपेटाइटिस बी के मरीजों के लिए रखी गई है जो कि कई महिनों से बंद पड़ी हुई है। जिससे हेपेटाइटिस बी के मरीजों का डायलिसिस नीं हो पा रहा है। मालूम हो कि इन मरीजों का डायलिसिस दूसरे मशीन में नहीं किया जा सकता है।
इसे संक्रमण फैल सकता है। इस संबंध में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. एस एस भाटिाया ने बताया कि डायलिसिस की एक मशीन बंद थी जिसे मरम्मत करा लिया गया है। लेकिन आपरेटर नहीं मिल रहे हैं। 9500 रूपये सैलरी दिया जाता है। लेकिन 12000 रूपये तनख्वाह की मांग कर्मचारी कर रहे हैं। इस पर कलेक्टर से चर्चा की जाएगी।


