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मप्र के सरकारी अमले में सेवा का जुनून

यूं तो आमतौर पर सरकारी अमले को 'लापरवाह' और 'कामचोर' माना जाता है

मप्र के सरकारी अमले में सेवा का जुनून
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भोपाल। यूं तो आमतौर पर सरकारी अमले को 'लापरवाह' और 'कामचोर' माना जाता है, मगर कोरोना वायरस के खिलाफ जारी लड़ाई के समय मध्यप्रदेश में जो तस्वीर सामने आ रही है, वह आम धारणा से ठीक उलट है, क्योंकि यहां कई अफसर और कर्मचारी अपने जिंदगी को दांव पर लगाकर कोरोना महामारी को रोकने और हराने में जुटे हैं।

राजधानी भोपाल और व्यापारिक नगरी इंदौर में कोरोना वायरस कि संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। स्थितियां सामान्य आदमी के भीतर डर पैदा करने वाली हैं, मगर सरकारी अमले से जुड़े लोगों की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, वे उनके सेवा के जुनून की कहानी कह रही हैं। ये तस्वीरें बताती हैं कि सरकारी अमला अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों की सेवा में लगा हुआ है।

बात इंदौर की करें तो यहां के रानीपुरा के टाट-पट्टी बाखल इलाके में सरकारी अमले पर लोगों ने हमला बोला, मगर सरकारी कर्मचारी अपने सेवा भाव से पीछे नहीं हटे। दो महिला चिकित्सक डॉ. तृप्ति और डॉ. जाकिर अपने अन्य साथियों के साथ फिर उसी इलाके में मरीजों का हाल जानने पहुंच गए। इतना ही नहीं, यहां के एक थाना प्रभारी निर्मल श्रीवास अपने घर सिर्फ खाना खाने जाते हैं और वह भी घर की चौखट से कई फीट दूर बैठकर खाना खाते हैं। वे कई दिनों से अपने बच्चों से भी नहीं मिले। हां, नजरों में, इशारों में जरूर एक-दूसरे का हालचाल पूछा।

ठीक इसी तरह का मामला राजधानी भोपाल का है, जहां के आज ही हटाए गए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुधीर डेहरिया कई दिनों तक अपने घर नहीं पहुंचे और मरीजों की खातिरदारी में लगे रहे। पांच दिन बाद वह अपने घर पहुंचे तो घर के दरवाजे से दूर बैठकर चाय की चुस्कियां लीं और परिवार का हाल जाना। वे घर के भीतर तक नहीं गए।

एक और तस्वीर भोपाल के जेपी अस्पताल की आई है, जहां के चिकित्सक डॉ. सचिन नायक ने तो अपनी कार को ही घर बना लिया है। वे अस्पताल में मरीजों का इलाज करते हैं और उसके बाद कार में आकर आराम करते हैं। वह घर सिर्फ इसलिए नहीं जा रहे हैं कि कहीं उनके परिवार के सदस्यों को भी संक्रमण ना हो जाए।

राजधानी में संक्रमित लोगों के बीच काम करते-करते कई स्वास्थ्य कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं और संक्रमित हैं और उनका इलाज चल रहा है।

सरकारी अमले के इस सेवाभाव की हर कोई सराहना कर रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इन सरकारी कर्मचारियों के समर्पण भाव की सराहना की है।


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