ओव्हर ब्रिज के पास से गुजरना बरसात में दूभर
जांजगीर व चाम्पा के बीच रेल्वे लाइन के ऊपर निर्माणाधीन फ्लाई ओव्हर के पास करीब 2 किमी का रास्ता इन दिनों लोगों की परेशानी का सबब बना हुआ है
जांजगीर। जांजगीर व चाम्पा के बीच रेल्वे लाइन के ऊपर निर्माणाधीन फ्लाई ओव्हर के पास करीब 2 किमी का रास्ता इन दिनों लोगों की परेशानी का सबब बना हुआ है। फाटक के दोनों ओर सड़क कीचड़ से सराबोर है।
ठेकेदार की लापरवाही के चलते मार्ग पर बने बड़े-बड़े गड्डो से बारिश का पानी भर जाने से दुर्घटना की संभावना बनी रहती है वही बारिश न होने की स्थिति में भारी वाहन गुजरने से उड़ने वाले धूल से दुपहिया वाहन चालकों का बुरा हाल है। फाटक खुलते ही आपाधापी में राहगीर इस जगह पर दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं।
जिला मुख्यालय व औद्योगिक नगरी चाम्पा की दूरी महज 10 किमी ही है। राष्ट्रीय राजमार्ग 49 में खोखसा फाटक पर निर्माणाधीन फ्लाई ओव्हर के चलते इस दूरी को तय करने में लगने वाला 15 से 20 मिनट का समय 40 से 45 मिनट लगने लगा है। खासकर बारिश के चलते यह मार्ग दुर्गम बना हुआ है। निर्माणाधीन खोखसा आरओबी के पास सड़क अत्यंत खतरनाक स्थिति में है।
रेलवे फाटक के दोनों ओर बड़े-बड़े गड्ढे हैं और सड़क कीचड़ से सराबोर है। डायवर्सन मार्ग महज खानापूर्ति बनकर रह गया है। पीडब्ल्यूडी सेतु विभाग की लापरवाही साफ नजर आ रही है, जिससे यह जोन डेंजर जोन बन गया है। बारिश में यहां रोजाना वाहन चालक गिर रहे है। बारिश होते ही खोखसा फाटक एवं चांपा के बिर्रा फाटक मार्ग के पास कीचड़ का साम्राज्य स्थापित हो जाता है।
वही बारिश का पानी सूखने के बाद उड़ने वाले धुल के गुबार ने राहगिरों के न केवल कपड़ों रंग बदल रहा है। चारपहिया वाहन तो जैसे-तैसे इस जगह से पार हो जाते है लेकिन अधिक परेशानी दोपहिया वालों को होती है। वर्तमान में खोखसा फाटक के पास बारिश का पानी भर गया है, जिससे मार्ग कीचड़मय हो गया है। सेतु लोक निर्माण विभाग की उदासीनता के चलते मार्ग का कायाकल्प नहीं हो रहा है। कई बार उच्चाधिकारियों के फटकार से वहां पर मिट्टी डाल दिया जाता है जिससे परेशानी और भी बढ़ जाती है।
सड़क में गढ्ढे ही गढ्ढे
खोखसा फाटक के करीब बनाये जा रहे ओव्हरब्रिज के पास 2 किमी तक पूरी तरह से कीचड़ फैला हुआ है। मार्ग में कई जगह से गड्ढे हो गये है। जिससे आये दिन दुर्घटनाएं घट रही है। फाटक के पास कृष्णा कॉलेज से लेकर मत्स्य पालन विभाग तक मार्ग में कीचड़ फैला हुआ है। ऐसा ही हाल फाटक के उस पार की सड़क का भी है। बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण उसमें पानी भर जाता है और वाहन चलने से वह कीचड़ में तब्दील हो जाता है। ऐसे में जरा सी लापरवाही हादसे का कारण बन सकती है।
आएदिन छोटी मोटी दुर्घटनाएं घट रही है। सालभर पहले रात में ओवरब्रीज के पास एक युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। लगता है अब फिर से जिम्मेदार अधिकारियों को ऐसे ही किसी हादसे का इंतजार है। खराब मार्ग पर डस्ट या अन्य सूखा रा मटेरियल डाला जाना चाहिए ताकि लोगों की आवागमन सुलभ हो सके।


