ओडिशा में भारत बंद का सामान्य जनजीवन पर आंशिक प्रभाव
भारत बंद के चलते ओडिशा के कुछ हिस्सों में सामान्य जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित हुआ है

भुवनेश्वर। भारत बंद के चलते ओडिशा के कुछ हिस्सों में सामान्य जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित हुआ है।
12 घंटों का यह भारत बंद किसान संगठनों ने केंद्र द्वारा पारित किए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग लेकर चल रहे विरोध के 4 महीने पूरे होने पर किया है। देश में किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने भारत बंद का यह आह्वान किया है और इसे कांग्रेस और वाम दलों की ओडिशा इकाईयों द्वारा समर्थन दिया जा रहा है।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राजधानी भुवनेश्वर समेत कई शहरों में सड़कों पर चक्काजाम किया और रेल यातायात रोका। उन्होंने सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक स्थानों और बाजारों में भी धरना प्रदर्शन किए। ऑल इंडिया कृषक कोऑर्डिनेशन कमेटी के कार्यकर्ताओं ने भुवनेश्वर में स्टेशन चौक पर विरोध प्रदर्शन किया।
इस दौरान बस और ट्रक जैसे भारी वाहन सड़कों से नदारद रहे, लेकिन कटक और भुवनेश्वर समेत कई जगहों पर ऑटो-रिक्शा और कारें दिखाई दीं। साथ ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। बंद को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद रखने के निर्देश दिए।
भारत बंद का असर राज्य की विधानसभा में भी दिखा। यहां कांग्रेस ने कृषि कानूनों का विरोध करते हुए विधानसभा की कार्यवाही को रोकने के लिए कहा और स्पीकर ने शाम 4 बजे तक के लिए सदन स्थगित कर दिया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने कहा, "भाजपा के किसान विरोधी कानून के खिलाफ अन्य कांग्रेसी नेताओं के साथ मैंने भी किसान संघों और ट्रेड यूनियन द्वारा बुलाए गए भारत बंद में हिस्सा लिया।"


