पांच और भाषाओं में सुनी जा सकेगी संसद की कार्यवाही
संसद के मानसून सत्र से दोनों सदनों की कार्यवाहियों को पांच अन्य भाषाओं में भाषांतर करने की सुविधा शुरू हो गई है

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र से दोनों सदनों की कार्यवाहियों को पांच अन्य भाषाओं में भाषांतर करने की सुविधा शुरू हो गई है।
यह जानकारी राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष राजेंद्र एस त्रिवेदी के नेतृत्व में उनसे गुरुवार को मिले एक प्रतिनिधिमंडल को दी। श्री त्रिवेदी के नेतृत्व में आये इस प्रतिनिधिमंडल को श्री नायडू ने संसद की कार्यवाहियों की जानकारी भी दी और संसदीय प्रणाली में इसके महत्व को भी रेखांकित किया।
सभापति ने प्रतिनिधिमंडल को राज्यसभा सचिवालय द्वारा उठाये गये कई नये कदमों की भी जानकारी दी और बताया कि संसद की कार्यवाही के भाषांतरण की सुविधा 22 भाषाओं में कर दी गयी है जिससे कोई भी सदस्य संसद में होने वाली चर्चाओं, प्रश्नकाल, शून्यकाल में उठाये गये प्रश्नों और उनके जवाबों को इन सभी भाषाओं में सुन सकता है।
उन्होंने बताया कि मौजूदा सत्र से डोगरी, कश्मीरी, कोंकणी, सिंधी और संथाली भाषाओं में भी संसद की कार्यवाहियों का भाषांतरण शुरू हो गया है।


