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भारत और वियतनाम के बीच आपसी सहयोग में संसदीय सहयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है : लोकसभा अध्यक्ष

वियतनाम-भारत संसदीय मैत्री समूह के अध्यक्ष डुओंग थान बिन्ह के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने बुधवार को संसद भवन परिसर में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की

भारत और वियतनाम के बीच आपसी सहयोग में संसदीय सहयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है : लोकसभा अध्यक्ष
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नई दिल्ली। वियतनाम-भारत संसदीय मैत्री समूह के अध्यक्ष डुओंग थान बिन्ह के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने बुधवार को संसद भवन परिसर में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। बिरला ने भारत यात्रा पर आए शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि यह यात्रा भारत और वियतनाम के बीच परस्पर विश्वास, मित्रता और दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी की प्रतीक है।

उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों की सरकारों के साथ ही संसदीय स्तर पर भी सक्रिय रूप से संवाद हो रहा है । बिरला ने कहा कि 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वियतनाम यात्रा से भारत-वियतनाम संबंधों में एक नया अध्याय जुड़ा है। दोनों देशों के बीच व्यापार, उद्योग, प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान, पर्यटन आदि क्षेत्रों में नई पहलें हमारे परस्पर संबंधों में नई ऊर्जा का प्रतीक हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग में संसदीय सहयोग की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका रही है और द्विपक्षीय संसदीय सहयोग को मजबूत करने से दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंध विकसित होंगे। भारत की एक्ट ईस्ट नीति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बिरला ने कहा कि भारत के इंडो-पैसिफिक दृष्टिकोण के संदर्भ में वियतनाम भारत का रणनीतिक भागीदार रहा है।

अध्यक्ष ने यह आशा भी व्यक्त की कि वियतनाम वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (जीबीए) में शामिल होगा, जो जलवायु संबंधी मुद्दों के समाधान में एक महत्वपूर्ण कदम है। लोकसभा अध्यक्ष ने दोनों देशों के बीच आध्यात्मिकता की साझा संस्कृति के बारे में भी विस्तार से बात की और इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि वियतनाम पूरी लगन के साथ योग को अपना रहा है।

उन्होंने यह आशा भी व्यक्त की कि दोनों देशों के बीच पर्यटकों के बढ़ते हुए आदान-प्रदान से द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे। जन याचिका आयोग के प्रमुख और वियतनाम-भारत संसदीय मैत्री समूह के अध्यक्ष डुओंग थान बिन्ह ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत के बारे में बात करते हुए कहा कि इसका प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ रहा है।

उन्होंने भारत को चंद्रयान और आदित्य एल-1 मिशन की सफलता पर बधाई दी। उन्होंने भारत की सफल जी 20 अध्यक्षता और एससीओ में योगदान की भी सराहना की। उन्होंने दोनों देशों के शांति के साझा मूल्यों के बारे में भी बात की और बेहतर भविष्य के निर्माण और आर्थिक व्यापार, पर्यटन और निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।


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