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संसद का मानसून सत्र संपन्न

आजादी की 75वीं वर्षगांठ तक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों का भारत बनाने के संकल्प और राज्यसभा में नये सभापति वेंकैया के अभिनंदन के साथ ही संसद का मानसून सत्र आज अनिश्चतकाल के लिए स्थगित हो गया

संसद का मानसून सत्र संपन्न
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नयी दिल्ली। आजादी की 75वीं वर्षगांठ तक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों का भारत बनाने के संकल्प और राज्यसभा में नये सभापति वेंकैया नायडू के अभिनंदन के साथ ही संसद का मानसून सत्र आज अनिश्चतकाल के लिए स्थगित हो गया, संसद का यह सत्र नए राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए भी याद किया जाएगा।

सत्रह जुलाई से शुरू हुए इस सत्र के दौरान पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के प्रावधान वाला संविधान संशोधक विधेयक राज्यसभा में विपक्ष के संशोधनों के साथ पारित हुआ जबकि यह लोकसभा में पारित हो चुका था और इस तरह यह फिलहाल कानून बनने से रह गया। विधेयक को मूल स्वरूप में पारित कराने के लिए आवश्यक समर्थन नहीं जुटा पाने के कारण सरकार की भारी किरकिरी हुई।

मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में अशोभनीय आचरण के कारण कांग्रेस के छह सांसदों को पांच दिन के लिए सदन की कार्यवाही से निलम्बित किया गया। इन सांसदों ने भीड़ द्वारा पीटपीट कर हत्या की घटनाओं पर चर्चा कराने की मांग करते हुए सदन में भारी हंगामा किया था और कुछ पर्चे फाड़कर अध्यक्ष के आसन की तरफ फेंके थे। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसे अशोभनीय आचरण मानते हुए उन्हें पांच दिन के लिए निलम्बि कर दिया था।

इस सत्र में दोंनों सदनों की 19-19 बैठकें हुईं जिनमें लोकसभा ने 14 और राज्यसभा ने नौ विधेयक पारित किये। मोटर वाहन संशोधन विधेयक को विपक्ष की मांग पर राज्यसभा में प्रवर समिति के पास भेजना पड़ा जबकि लोकसभा ने वित्तीय समाधान एवं जमा राशि बीमा विधेयक 2017 को संसद की संयुक्त समिति के विचारार्थ भेजा। गौरक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या एवं दलितों पर अत्याचार तथा पांच सौ रूपए के अगल अलग तरह के नोट छापे जाने को लेकर दोनों ही सदनों में काफी हंगामा हुआ और कार्यवाही कई बार स्थगित की गयी।

कुछ अन्य मुद्दों को लेकर भी दोनों सदनों की कार्यवाही में व्यवधान पड़ा। इसके कारण लोकसभा में कामकाज के करीब 30 घंटे बर्बाद हुए जबकि राज्यसभा में 25 घंटे बर्बाद हुए, हालांकि लोकसभा ने करीब साढ़े दस घंटे तथा राज्यसभा ने करीब सात घंटे अतरिक्त बैठकर कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की तथा विधायी कार्य किया।

राज्य सभा में बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने एक नाटकीय घटनाक्रम में सदन की सदस्यता से इस्तीफा दिया जबकि भारतीय जनता पार्टी के एम वेंकैया नायडू ने उपराष्ट्रपति बनने के साथ ही सदन से त्यागपत्र दे दिया।

मानसून सत्र में संसद में सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान विधेयक (सार्वजनिक निजी भागीदारी) विधेयक, बैंकिंग नियमन (संशोधन) विधेयक,कंपनी (संशोधन) विधेयक, निशुल्क एंव अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार (संशोधन) विधेयक राष्ट्रीय कृषि एंव ग्रामीण विकास बैंक (संशोधन) जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए।


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