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दादर नागर हवेली तथा दमन एवं दीव के विलय को संसद की मंजूरी

 केन्द्र शासित क्षेत्र दादर ,नागर एवं हवेली तथा दमन और दीव के विलय करने संबंधी विधेयक पर आज संसद की मुहर लग गयी

दादर नागर हवेली तथा दमन एवं दीव के विलय को संसद की मंजूरी
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नयी दिल्ली । केन्द्र शासित क्षेत्र दादर ,नागर एवं हवेली तथा दमन और दीव के विलय करने संबंधी विधेयक पर आज संसद की मुहर लग गयी ।

दादर नागर हवेली तथा दमन और दीव (विलय) विधेयक 2019 को आज राज्यसभा में ध्वनि मत से पारित कर दिया गया । लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है ।

गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने विधेयक पर हुयी संक्षिप्त चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि प्रशासनिक सुविधा और खर्च में कमी लाने के लिए यह विधेयक लाया गया है । इससे लोगों की समस्या का निपटारा बेहतर ढंग से किया जा सकेगा और मानव संसाधन का सदुपयोग किया जा सकेगा ।

उन्होंने कहा कि लोगों को बेहतर शिक्षा और चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी । पहले दोनों केन्द्र शासित क्षेत्रों में दो सचिवालय था लेकिन प्रशासनिक अधिकारी एक ही थे जिससे वह बारी बारी से दानों स्थानों पर जाते थे । जिससे लोगों को शिकायत थी । उन्होंने कहा कि सभी पक्षों से विचार विमर्श के बाद इस विधेयक को लाया गया है । उन्होंने कहा कि वहां एक नर्सिंग कालेज की स्थापना की जायेगी ।

चर्चा में कांग्रेस के मधु सूदन मिस्त्री , भारतीय जनता पार्टी के विनय सहस्त्रबुद्धे , तृणमूल कांग्रेस के मनीष गुप्ता , अन्नद्रमुक के ए नवनीत कृष्णन , समाजवादी पार्टी के विश्वंभर प्रसाद निषाद , मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के के के रागेश , जनता दल (यू) के रामचन्द्र प्रसाद सिंह , राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा ,भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विश्वम और आम आदमी पार्टी के सुशील कुमार गुप्ता ने हिस्सा लिया । अधिकांश सदस्यों ने वहां की शिक्षा स्वास्थ्य और प्रदूषण की समस्याओं को उठाया ।


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