पेरिस जलवायु समझौते से अलग हुआ US
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2015 में किए गए ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते से खुदको अलग करने का ऐलान किया है
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2015 में किए गए ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते से खुदको अलग करने का ऐलान किया है । सत्ता संभालने के बाद वह पहले भी कई बार कह चुके थे कि ये समझौता अमेरिका के हितों के लिए नहीं है। जबकि दूसरे देश इस समझौते का बखूबी फायदा उठा रहे है।
ट्रंप ने जलवायु करार टूटने का सारा ठिकरा भारत और चीन पर फोड़ा है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि कि इस समझौते में भारत और चीन के लिए सख्त प्रावधान नहीं किए गए हैं, जबकि ये दोनों देश प्रदूषण रोकने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं। https://www.youtube.com/embed/2sUu7-vPQksभारत को अपना अच्छा दोस्त बताने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने समझौता टूटने के लिए भारत को ही दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों से अरबों डॉलर पाने के लिए भारत पेरिस जलवायु समझौते में शामिल हुआ है। यह समझौता अमेरिका के लिए अनुचित है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत और चीन अपने कोयला उत्पादन के स्तर को दोगुना करेंगे।
इस समझौते को अमेरिका के लिए अनुचित बताते हुए ट्रंप ने कहा कि, वो इसमें दोबारा तभी शामिल होंगे जब पेरिस समझौते में अमेरिकी हितों के लिए एक उचित समझौता होगा, वहीं ओबामा प्रशासन के दौरान शुरू हुए इस करार के टूटने पर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ट्रंप की निंदा की है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका समझौते का पालन न कर भावी पीढ़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है.फ्रांस, जर्मनी और इटली ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि पेरिस जलवायु समझौते पर दोबारा चर्चा नहीं हो सकती।भारत में अमेरिकी राजदूत रहे भारतवंशी रिचर्ड वर्मा ने ट्वीट कर ट्रंप के फैसले को बेहद खराब और कमजोर बताया


