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कॉन्वेन्ट विद्यालयों में बच्चों की शिक्षा के लिए अभिभावकों की भागदौड़ उचित नहीं

विदेशी मिशनरियों द्वारा संचालित कॉन्वेन्ट विद्यालयों में बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए अभिभावकों की भागदौड़ उचित नहीं है

कॉन्वेन्ट विद्यालयों में बच्चों की शिक्षा के लिए अभिभावकों की भागदौड़ उचित नहीं
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पटना । बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने जीवन की संपूर्णता का ज्ञान देनेवाली शिक्षा को श्रेयस्कर बताया और कहा कि कॉन्वेन्ट विद्यालयों में बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए अभिभावकों की भागदौड़ उचित नहीं है।

टंडन ने यहां केशव सरस्वती विद्या मंदिर के 25वें वार्षिक उत्सव के अवसर पर आयोजित ‘रजत जयन्ती समारोह’ को संबोधित करते हुए कहा कि “विदेशी मिशनरियों द्वारा संचालित कॉन्वेन्ट विद्यालयों में बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए अभिभावकों की भागदौड़ उचित नहीं है। यहां मनुष्य को संपूर्णता में शिक्षा नहीं मिलती। मनुष्य को आज ऐसी शिक्षा की आवश्यकता है, जो उसे जीवन की सम्पूर्णता का ज्ञान देती हो। जीवन को समग्रता में देखे बगैर मनुष्य के सर्वतोन्मुखी विकास की परिकल्पना बेमानी है।”

राज्यपाल ने कहा कि भारतीय सांस्कृतिक बोध और ऐतिहासिक विरासतों की जानकारी तो भारतीय शिक्षण-पद्धति के माध्यम से ही मिल सकती है। उन्होंने शिक्षा में खेलकूद, कला, संगीत सारी विधाओं को समुचित रूप से समाहित करने पर जोर देते हुए कहा कि इससे विद्यार्थियों को समग्रता में शिक्षा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि सरस्वती विद्या मंदिर भारतीय संस्कृति के अनुरूप विद्यार्थियों में जीवन की संपूर्णता का बोध कराते हैं इसलिए यहां दी जानेवाली शिक्षा से व्यक्ति में चरित्र का विकास होता है।


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