पैराडाइज पेपर्स: जयंत सिन्हा का जवाब, निजी उद्देश्य के लिए नहीं किया गया कोई भी लेन-देन
कर से बचने के लिए कर पनाहगाह वाले देशों से संबंधित लीक हुए पैराडाइज पेपर्स में केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा का नाम आने पर उन्होंने कहा कि किसी भी निजी उद्देश्य से कोई लेन-देन नहीं किया गया

नई दिल्ली। कर से बचने के लिए कर पनाहगाह वाले देशों से संबंधित लीक हुए पैराडाइज पेपर्स में केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा का नाम आने पर उन्होंने कहा कि किसी भी निजी उद्देश्य से कोई लेन-देन नहीं किया गया।
पैराडाइज पेपर्स की जांच पर आधारित रिपोर्ट के अनुसार, सिन्हा भारत में ओमिदयार नेटवर्क के प्रबंध निदेशक रहे हैं और ओमिदयार नेटवर्क ने अमेरिकी कंपनी डी लाइट डिजाइन में निवेश किया था. डी लाइट डिजाइन की केमैन द्वीप में अनुषंगी कंपनी है।
श्री सिन्हा ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर ट्वीट्स की एक श्रंखला में कहा कि लेन-देन वैध और प्रमाणिक हैं।
नागर विमानन राज्य मंत्री सिन्हा ने कहा कि मेरी जिम्मेदार भूमिका में यह लेन-देन दुनिया के प्रतिष्ठित संगठनों की ओर से किये गये और यह कार्य ओमिदयार नेटवर्क में सहयोगी और इसकी ओर से डी लाइट डिजाइन के निदेशक मंडल में नामित प्रतिनिधि के तौर पर किये गये।
उन्होंने कहा कि यह गौर करने की बात है कि यह लेन-देन डी लाइट डिजाइन के लिए ओमिदयार के प्रतिनिधि के तौर पर किये गये, न कि किसी निजी उद्देश्य के लिए।
पैराडाइज पेपर्स की जांच पर आधारित रिपोर्ट के अनुसार साल 2014 में झारखंड के हजारीबाग से लोकसभा सांसद बनने और नरेंद्र मोदी कैबिनेट में केद्रीय राज्य मंत्री बनने से पहले जयंत सिन्हा ओमिडयार नेटवर्क में मैनेजिंग निदेशक के तौर पर काम करते थे। ओमिडयार नेटवर्क ने अमेरिकी कंपनी डी डॉट लाइट डिजाइन में निवेश कर रखा था। डी डॉट लाइट डिजाइन की एक शाखा केमैन आइलैंड में भी स्थित थी। विदेशी कानूनी सलाह देने वाली कंपनी एप्पलबी के दस्तावेज के अनुसार, जयंत सिन्हा ने डी डॉट लाइट डिजाइन के निदेशक के तौर पर भी सेवाएं दी थीं, लेकिन अपने चुनावी हलफनामे में उन्होंने इसकी कोई जानकारी नहीं दी थी। जयंत सिन्हा ने न तो चुनाव आयोग को और न ही लोक सभा सचिवालय और न तो प्रधानमंत्री कार्यालय को इसकी जानकारी दी थी।
डी डॉट लाइट डिजाइन इंक की स्थापना साल 2006 मे अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में हुई थी और इसकी इसी नाम से एक शाखा केमैन आइलैंड में खुली थी। सिन्हा ओमिडयार नेटवर्क में सितंबर 2009 में जुड़े थे और दिसंबर 2013 में इस्तीफा दे दिया था। ओमिडयार नेटवर्क ने डी डॉट लाइट डिजाइन में निवेश किया था। डी डॉट लाइट ने अपनी केमैन आईलैंड स्थिति शाखा के माध्यम से नीदरलैंड के एक निवेशक से 30 लाख डॉलर (आज की दर से करीब 19 करोड़ रुपये) कर्ज हासिल किया था। एप्पलबी के दस्तावेज के अनुसार, इस कर्ज के लिए 31 दिसंबर 2012 को समझौता हुआ था। जब ये फैसले लिए गये, तो जयंत सिन्हा डी डॉट लाइट डिजाइन के निदेशक थे।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस आईसीआईजे का सदस्य है और उसने कर चोरों के स्वर्ग माने जाने वाले देशों की कंपनियों से मिले एक करोड़ 34 लाख दस्तावेज में भारत से संबंधित दस्तावेज की पड़ताल की।पनामा पेपर्स की भी पोल इंडियन एक्सप्रेस ने ही खोली थी। पनामा पेपर्स में नाम आने के कारण पाकिस्तान में नवाज शरीफ सहित कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों को अपने पद से हाथ धोना पड़ा था परन्तु भारत में जिन लोगों के नाम इन पेपर्स में आए उनका कुछ नहीं बिगड़ा।पैराडाइज पेपर्स ने 18 महीने पहले आए पनामा पेपर्स की याद एक बार फिर ताजा कर दी है, जिसने दुनिया भर में खूब हलचल मचाई थी।
क्या है पैराडाइज पेपर्स?-
जर्मन अखबार SüddeutscheZeitungको बरमूडा की कंपनी एप्पलबी, सिंगापुर की कंपनी एसियासिटी ट्रस्ट और कर चोरों के स्वर्ग समझे जाने वाले 19 देशों में कराई गई कार्पोरेट रजिस्ट्रियों से जुड़े करीब एक करोड़ 34 लाख दस्तावेज मिले। जर्मन अखबार ने ये दस्तावेज इंटरनेशनल कॉन्सार्शियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट (आईसीआईजे) के साथ साझा किया। इंडियन एक्सप्रेस आईसीआईजे का सदस्य हैं और उसने भारत से जुड़े हुए सभी दस्तावेजों की पड़ताल की है।
Full details have been provided to Indian Express. These were bonafide and legal transactions undertaken on behalf of highly reputed 1/n https://t.co/rWYEAZ1Rvy
— JayantSinha (@jayantsinha) November 5, 2017
world-leading organisations in my fiduciary role as Partner at Omidyar Network and its designated representative on the D.Light Board 2/n
— JayantSinha (@jayantsinha) November 5, 2017
All these transactions have been fully disclosed to relevant authorities through all necessary filings as required 3/n
— JayantSinha (@jayantsinha) November 5, 2017
After leaving Omidyar Network, I was asked to continue on the D.Light Board as an Independent Director 4/n
— JayantSinha (@jayantsinha) November 5, 2017
On joining the Union Council of Ministers, I immediately resigned from the D.Light Board and severed my involvement with the company 5/n
— JayantSinha (@jayantsinha) November 5, 2017
It is crucial to note that these transactions were done for D.Light as an Omidyar representative, and not for any personal purpose n/n
— JayantSinha (@jayantsinha) November 5, 2017


