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उप्र: बाघ से रिहायशी इलाकों में दहशत का माहौल दो तेंदुओं का शिकार

पदचिन्हों की ओर वनकर्मी बढ़े तो जंगल की झाड़ियों से बाघ की दहाड़ सुनाई पड़ी

उप्र: बाघ से रिहायशी इलाकों में दहशत का माहौल दो तेंदुओं का शिकार
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बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में वन विभाग के मुर्तिहा वनरेंज में वर्चस्व की जंग में पिछले 24 घंटे के दौरान बाघ ने दो तेंदुओं को मार गिराया जिसके बाद वनक्षेत्र से सटे रिहायशी इलाकों में दहशत का माहौल है।

वन विभाग के सूत्रों ने आज बताया कि मौके पर बाघ के पदचिन्ह मिलने के बाद पांच रेंजों की टीम बाघ को जंगल में भेजने की कवायद में गई है। जंगल के निकटवर्ती गांव के लोग दहशत में हैं वहीं वनकर्मियों ने समूह में कांबिंग शुरू कर दी है। मृत तेंदुए के पोस्टमार्टम के लिए तीन डॉक्टरों का पैनल गठित किया गया है।

कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र के मुर्तिहा रेंज अंतर्गत मझाव टेड़िया गांव में अविलाख के परवल के खेत में शनिवार सुबह गांव के लोगों ने एक मृत तेंदुए का शव देखा। तेंदुए के शरीर पर जख्म के निशान थे।

लग रहा था कि उसे तेज नाखून से नोंचा गया है। ग्रामीणों ने तत्काल मुर्तिहा रेंज कार्यालय को दी। इस पर जिला वनाधिकारी (डीएफओ) जीपी सिंह, वन क्षेत्राधिकारी रामशंकर सिह, एसडीओ यशवंत सिंह, वार्डेन अवधेश कुमार पांडेय, वन दरोगा शरीफ अहमद और इशहाक हुसैन टीम के साथ मौके पर पहुंचे।

डीएफओ की सूचना पर दुधवा के फील्ड डायरेक्टर रमेश पांडेय भी देर शाम को घटनास्थल पर पहुंच गए। जांच के दौरान तेंदुए के शव के पास बाघ के पदचिन्हों के निशान मिले।

पदचिन्हों की ओर वनकर्मी बढ़े तो जंगल की झाड़ियों से बाघ की दहाड़ सुनाई पड़ी। जिससे यह तय हो गया कि मौके पर मृत बछिया के शिकार के वर्चस्व को लेकर बाघ ने दूसरे तेंदुए को मार डाला है। इस पर वनकर्मियों ने मृत तेंदुए के शव को कब्जे में लेकर रेंज कार्यालय पहुंचाया।


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