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'इंडिया' नाम से भाजपा में घबराहट, विपक्षी एकता की प्रक्रिया लगातार बढ़ रही आगे : दीपांकर भट्टाचार्य

भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने मंगलवार को कहा कि आने वाले चुनाव में देश की जनता मणिपुर की घटना का जवाब देगी और भाजपा को सबक सिखाएगी

इंडिया नाम से भाजपा में घबराहट, विपक्षी एकता की प्रक्रिया लगातार बढ़ रही आगे : दीपांकर भट्टाचार्य
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पटना। भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने मंगलवार को कहा कि आने वाले चुनाव में देश की जनता मणिपुर की घटना का जवाब देगी और भाजपा को सबक सिखाएगी।

उन्होंने कहा कि 'इंडिया’ शब्द से भाजपा में घबराहट है। इंडिया, दैट इज भारत, यह हमारे संविधान की प्रस्तावना में है, लेकिन भाजपा के नेता इस पर अनाप-शनाप बोल रहे हैं। इसे कोई ईस्ट इंडिया कंपनी से जोड़ रहा है तो कोई इंडिया बनाम भारत कर रहा है। भाजपा के नेता अपने ट्विटर हैंडल से इंडिया शब्द हटा रहे हैं।

पटना में एक प्रेस वार्ता में उन्होंने दावा करते हुए कहा कि यदि देश में किसी भी भाषा में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाला कोई शब्द है तो वह है इंडिया। इससे साबित होता है कि विपक्षी दलों की बीच की एकता की प्रक्रिया से भाजपा में भारी घबराहट है।

उन्होंने कहा कि आज 81 दिनों से मणिपुर जल रहा है, सैकड़ों हत्याएं हो चुकी हैं, यौन हिंसा की कई घटनाएं सामने आई है, उसकी आग नागालैंड तक पहुंच गई है। लेकिन, प्रधानमंत्री इस पर एक शब्द नहीं बोलना चाहते हैं। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि जहां-जहां डबल इंजन की इनकी सरकार है, वे तो बर्बाद ही हो चुके, अब पूरा देश बर्बाद व तबाह हो रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि बेंगलुरू में 26 विपक्षी दलों की बैठक से ‘इंडिया’ अपने अस्तित्व में आया। सबने महसूस किया कि संविधान व लोकतंत्र तो खतरे में है ही, अब पूरा देश खतरे में है।

उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता की प्रक्रिया लगातार आगे बढ़ रही है।

बेंगलुरू बैठक की चर्चा करते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि बैठक से सामान्य संकल्प लिया गया कि जहां-जहां गैर भाजपा सरकारें हैं, उन्हें उसी संकल्प के आलोक में बढ़ना चाहिए। संकल्प पत्र वैकल्पिक राजनीति, सामाजिक और आर्थिक एजेंडे की बात करता है, लेकिन हम देख रहे हैं कि बिहार में उसकी लगातार उपेक्षा हो रही है। आशा कार्यकर्ताओं-फैसिलिटेटरों सहित नियोजित शिक्षकों के सवाल पर उम्मीद थी कि बिहार सरकार अपनी कार्यशैली में बदलाव करेगी, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि गैर भाजपा शासन का चरित्र अलग होना चाहिए।


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