उप्र में वेबसाइट पर मिलेंगे पंडित-पुरोहित!
उत्तर प्रदेश सरकार अब संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए अपने पुरोहितों और कर्मकांड करने वालों को हाईटेक बनाने जा रही है
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार अब संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए अपने पुरोहितों और कर्मकांड करने वालों को हाईटेक बनाने जा रही है। आने वाले समय में उनका पूरा डेटा बेवसाइट पर दर्ज होगा, जिससे उन्हें वहीं से बुक करके बुलाया जा सकता है। इसके लिए संस्कृत संस्थान रोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने जा रहा है। संस्थान के अध्यक्ष वाचस्पति मिश्रा ने आईएएनएस को बताया, "शीघ्र ही प्रदेश भर के समस्त जिलों में ज्योतिष, कर्मकांड, योग विधा का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए प्रशिक्षकों के आवेदन मांगे जा रहे हैं, जिन्हें बदले में 500 रुपये रोज दिया जाएगा।"
उन्होंने बताया, "प्रशिक्षित होने के बाद किसी को ज्योतिषि और पंडित की अवश्यकता पड़ने पर इनका पूरा डेटा वेबसाइट पर डाला जाएगा, वहीं से उन्हें बुक किया जा सकेगा। प्रशिक्षण में किसी भी जाति व उम्र की कोई अर्हता नहीं रखी गई है। किसी भी जाति-उम्र के लोग प्रशिक्षण ले सकते हैं।"
मिश्रा ने बताया, "तीनों ही विधाओं में 30-30 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। तीन महीने का नि:शुल्क प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें संस्कृत संस्थानम् की ओर से प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे। प्रशिक्षण के लिए आवेदन की प्रक्रिया जिले स्तर पर शुरू होगी।"
उन्होंने बताया कि पहले चरण में ऐसे विशेषज्ञों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। उप्र संस्कृत संस्थानम् की वेबसाइट पर आवेदन किए जा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए राजधानी के न्यू हैदराबाद स्थित कार्यालय के सहायक जनसंपर्क अधिकारी जगदानंद झा से संपर्क कर सकते हैं।
मिश्रा ने बताया कि संस्कृत विषय में आइएएस और पीसीएस परीक्षा देने वालों को संस्थान नि:शुल्क प्रशिक्षण भी देगा। इसके लिए आवेदन मांगे गए हैं।


