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राजनीतिक हेरफेर से महामारी को नहीं हराया जा सकता - चीनी प्रतिनिधि

संयुक्त राष्ट्र स्थित चीनी स्थाई प्रतिनिधिमंडल के कार्यवाहक पिंग ने 28 जुलाई को कोरोना के मुकाबले में स्वतंत्र विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट सुनने पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की अनौपचारिक बैठक में भाग लिया

राजनीतिक हेरफेर से महामारी को नहीं हराया जा सकता - चीनी प्रतिनिधि
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बीजिंग। संयुक्त राष्ट्र स्थित चीनी स्थाई प्रतिनिधिमंडल के कार्यवाहक राजदूत ताई पिंग ने 28 जुलाई को कोरोना महामारी के मुकाबले में स्वतंत्र विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट सुनने पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की अनौपचारिक बैठक में भाग लिया। मौके पर उन्होंने अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए गए बेवजह आरोपों का खंडन किया और बल देते हुए कहा कि राजनीतिक हेरफेर से महामारी को नहीं हराया जा सकता, इससे लोगों का समर्थन भी हासिल नहीं होगा, ऐसी साजिश जरूर विफल होगी। ताई पिंग ने कहा कि अमेरिकी प्रतिनिधि ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र मंच का दुरुपयोग कर वायरस ट्रेसबिलिटी मुद्दे को बहाना बनाकर राजनीतिक हेरफेर की, जिसकी कार्रवाई महासभा के मूल इरादे से पूरी तरह असंगत है और चीन इसका कड़ा विरोध करता है।

उन्होंने कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय ट्रैसेबिलिटी सहयोग में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है और दो बार डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञों को चीन में ट्रैसेबिलिटी पर संयुक्त शोध करने के लिए आमंत्रित किया जा चुका है। डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ उन सभी स्थानों पर गए जहां वे जाना चाहते थे। उन सभी लोगों से मिले जिन्हें वे देखना चाहते थे। उन्होंने एक वैज्ञानिक निष्कर्ष निकाला कि प्रयोगशाला लीक की संभावना बहुत कम है और विश्व पर संभावित शुरूआती मामलों की खोज करने जैसे महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। इन सबको अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है। अगले चरण का वायरस ट्रेसबिलिटी कार्य इस पर आधारित होना चाहिए, ताकि दुनिया भर के कई देशों और स्थलों में खोजे गए विभिन्न प्रारंभिक मामलों का अध्ययन किया जा सके।

चीनी राजदूत ताई पिंग ने बल देते हुए कहा कि कोरोना वायरस के स्रोत का पता लगाना चाहिए, चीन खुलेपन, पारदर्शिता, विज्ञान और सहयोग की भावना को बनाए रखते हुए सदस्य देशों के बीच पूर्ण परामर्श के आधार पर दुनिया भर के कई देशों में ट्रेसेबिलिटी अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने का समर्थन करता है। और इसके साथ ही राजनीतिक वायरस के स्रोत का भी पता लगाना जरूरी है। चीन अमेरिका से आग्रह करता है कि वह विज्ञान का सम्मान करे, जीवन बचाए, अंतर्राष्ट्रीय महामारी रोधी सहयोग और वायरस ट्रेसबिलिटी सहयोग को बाधित करने से रोके, खुले, पारदर्शी और सहकारी तरीके से ट्रेसबिलिटी अनुसंधान करने के लिए अपने देश में डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञों का स्वागत करे।


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