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मप्र में पंचायतों को फिर मिले वित्तीय अधिकार

मध्य प्रदेश में पंचायतों को फिर वित्तीय अधिकार मिल गए हैं, 12 दिन तक इन अधिकारों से दूर रही पंचायतों को फिर ताकतवर बना दिया गया हैं

मप्र में पंचायतों को फिर मिले वित्तीय अधिकार
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भोपाल। मध्य प्रदेश में पंचायतों को फिर वित्तीय अधिकार मिल गए हैं, 12 दिन तक इन अधिकारों से दूर रही पंचायतों को फिर ताकतवर बना दिया गया हैं। यह ऐलान सेामवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। मुख्यमंत्री चौहान ने पंचायतों के प्रतिनिधियों केा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि है पंचायत राज संस्थाओं को कत्र्तव्यों और अधिकारों दोनों पर ध्यान देना है। प्रदेश की जनता के कल्याण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों और निर्माण कार्यों को बिना बाधा के क्रियान्वित करने, जरूरतमंदों को रोजगारमूलक कार्यों से जोड़ने और हाल ही में कोविड की तीसरी लहर के प्रसार को रोकने में पंचायतों का पूर्ण उपयोग किया जाएगा।

उन्होंने कहा, पंचायत के तीनों स्तर पर दिए गए प्रशासकीय अधिकार बीच में वापस ले लिए गए थे, जिसे आज मैं फिर से प्रदान कर रहा हूं। कोविड की तीसरी लहर आ चुकी है, हम सभी को मैदान में उतरना होगा।

ज्ञात हो कि राज्य में पंचायतों के चुनाव स्थगित किए जा चुके हैं। उसके बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पंचायतों को अधिकार देने का एक आदेश दिया, जिसे बाद में वापस ले लिया गया। इससे पंचायत प्रतिनिधियों में नाराजगी थी। कई प्रतिनिधि तो भाजपा के प्रदेश दफ्तर और मुख्यमंत्री तक जा पहुंचे थे और विकास कार्य थमने की दुहाई दे रहे थे। अब एक बार फिर पूर्व में निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार संपन्न बना दिया गया है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पंचायतों को जन-कल्याण के लिए सक्रिय भूमिका निभानी है। अधिकारों के साथ कत्र्तव्य भी जुड़े हैं। प्राप्त अधिकारों के माध्यम से पंचायतें सेवा और समर्पण का इतिहास रचें। यह देखें कि सभी जगह विकास के कार्य सुचारू रूप से चलें। जहां-जहां आवश्यक है वहां तालाब-बावड़ी का जीर्णोद्धार भी करवाएं। यह अनुकूल समय है जब ऐसे कार्य करवाए जा सकते हैं। पंचायतें ग्रामीण क्षेत्रों में राशन वितरण कार्य पर भी नजर रखें। आवास योजनाओं से जुड़े कार्य देखें। यह सुनिश्चित करें कि योजनाओं के हितग्राहियों को समय पर किश्तें मिल जाएं। पंचायतें अपने कार्यों से आदर्श उपस्थित करें।

गत दो वर्ष में पंचायतों ने कोविड की रोकथाम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ग्राम, जनपद एवं जिला पंचायत के स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट समितियां गठित कर क्वारंटाइन और आयसोलेशन सेंटर संचालित करने का कार्य पंचायतों द्वारा किया गया है। जन-सहयोग से आवश्यक दवाओं, जरूरतमंदों को भोजन का वितरण किया गया है। पंचायतों ने आवश्यकतानुसार जनता कर्फ्यू का निर्णय लेकर लॉकडाउन से जुड़ी व्यवस्थाओं को भी सफलतापूर्वक अपने स्तर पर किया। अब एक बार फिर यह परिस्थिति बनी है कि सजग रहकर अपने आसपास के लोगों और समस्त ग्रामवासियों को सावधानी बरतने के लिए सचेत कर। उनसे कोविड गाइडलाइंस का पालन करवाएं।


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