पणजी : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों का प्रदर्शन, काम रहा ठप्प
सैकड़ों सरकारी कर्मचारियों ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण और बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के केंद्र सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ दो दिवसीय हड़ताल के तहत पणजी में एक विरोध मार्च निकाला

पणजी। सैकड़ों सरकारी कर्मचारियों ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण और बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के केंद्र सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ दो दिवसीय हड़ताल के तहत पणजी में एक विरोध मार्च निकाला। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस वर्ष के बजट में इन सुधारों की घोषणा की थी।
धरना स्थल पर पत्रकारों से बात करते हुए ए.एम. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के महासचिव ए एम परेरा ने कहा कि हड़ताल की योजना बैंक कर्मियों की यूनियनों ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को रोकने के लिए बनाई गई है, इसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बैंकों के निजीकरण को रोकने का आग्रह किया जा रहा है।
परेरा ने कहा, "यूएफबीयू ने आईडीबीआई बैंक और दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण, एलआईसी में विनिवेश, बीमा कंपनी के निजीकरण, बीमा क्षेत्र में एफडीआई की 74 प्रतिशत तक अनुमति जैसे केंद्र सरकार के बजट में की गई विभिन्न घोषणाओं का कड़ा विरोध किया।"
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मी सोमवार से दो दिनों के हड़ताल पर हैं।
उन्होंने कहा, "हमारे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की सरकार की घोषणा पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करना समय की जरूरत है।"


