Top
Begin typing your search above and press return to search.

पैलेट गन मामला : उच्चतम न्यायालय को हलफनामे के शब्दों से आपत्ति

उच्चतम न्यायालय ने कश्मीर घाटी में पैलेट गन के इस्तेमाल मामले में जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के हलफनामें की विषय-वस्तु को लेकर आज कड़ी आपत्ति दर्ज करायी

पैलेट गन मामला : उच्चतम न्यायालय को हलफनामे के शब्दों से आपत्ति
X

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कश्मीर घाटी में पैलेट गन के इस्तेमाल मामले में जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के हलफनामें की विषय-वस्तु को लेकर आज कड़ी आपत्ति दर्ज करायी।

एसोसिएशन ने नये हलफनामे में भारत में जम्मू कश्मीर के विलय को लेकर सवाल खड़ा किये हैं।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने हालांकि स्वीकार किया कि पूर्व में इस मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने यह पूछकर गलती की है कि जम्मू कश्मीर की सड़कों पर लोग प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं? न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, “अगर कोर्ट ने यह जानना चाहा था तो यह एक गलती थी।”

दरअसल, मुख्य न्यायाधीश ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब याचिकाकर्ता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से उन्हें अवगत कराया गया कि सर्वोच्च न्यायालय ही जानना चाहता था कि राज्य की सड़कों पर लोग क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं? केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने भी हलफनामे की विषय वस्तु का जिक्र किया, जिसमें जम्मू कश्मीर के भारत में विलय को लेकर सवाल खड़े किये गये हैं।

न्यायमूर्ति मिश्रा ने इसका संज्ञान लेते हुए बार एसोसिएशन से पूछा, “आपका अतिरिक्त हलफनामा इस विशेष अनुमति याचिका से किस प्रकार जुड़ा है। हम हतप्रभ हैं।” इसके बाद न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए 18 जनवरी 2018 की तारीख मुकर्रर की।

सॉलिसिटर जनरल ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इसे खारिज किया जाना चाहिए क्योंकि पहले ही ऐसे मुद्दों पर उच्च न्यायालय में सुनवाई हो रही है।

जम्मू कश्मीर में प्रदर्शनकारियों पर पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाली याचिका पर शीर्ष अदालत सुनवाई कर रही है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it