नई बस्ती बसाने की योजना पर फिलिस्तीन ने इजरायल के चेताया
फिलिस्तीन ने रविवार को पूर्वी जेरुसलम में यहूदियों के लिए तीन लाख रिहाइशी इकाइयों वाली बस्तियों को बसाने की इजरायल की योजना पर कड़ी चेतावनी दी

रामल्ला। फिलिस्तीन ने रविवार को पूर्वी जेरुसलम में यहूदियों के लिए तीन लाख रिहाइशी इकाइयों वाली बस्तियों को बसाने की इजरायल की योजना पर कड़ी चेतावनी दी और कहा कि वह समूची शांति प्रक्रिया की व्यापक समीक्षा पर विचार कर रहा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलिस्तीन के विदेश एवं प्रवासी मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इजरायल की योजना 'इजरायल की औपनिवेशिक और विस्तारवादी परियोजनाओं का हिस्सा' है जिसे इजरायल की सरकार द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। बयान में कहा गया है कि इजरायल को ऐसा करने का प्रोत्साहन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जेरुसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता दिए जाने से मिला है।
मंत्रालय ने कहा कि इजरायल द्वारा फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ लिए गए किसी भी नए फैसले के लिए ट्रंप 'पूरी तरह' से जिम्मेदार होंगे।
फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) ने रविवार को इजरायल की 'ग्रेटर जेरुसलम' योजना के संभावित नतीजों को लेकर चेतावनी दी। यह योजनाएं भौगोलिक रूप से यहूदी बस्तियों को एक-दूसरे से जोड़ती हैं और वेस्ट बैंक से नकटता को कम करती हैं।
इस बीच फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास की फतह पार्टी ने रविवार को कहा कि फतह की केंद्रीय परिषद आगामी बैठक में 'फिलिस्तीनी-इजरायल शांति प्रक्रिया की व्यापक समीक्षा' पर विचार करेगी।
फतह की कार्यकारी समिति के सदस्य अज्जाम अल अहमद ने द वॉयस ऑफ फिलिस्तीन को बताया कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत दायित्वों को पूरा करने में विफलता के कारण फिलिस्तीनी नेतृत्व इजरायल के साथ अपने संबंधों की समीक्षा करने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जेरुसलम पर अमेरिका के कदम के जवाब में फिलिस्तीनियों को संयुक्त राष्ट्र महासभा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और यहां तक कि अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में अपने राजनयिक प्रयासों को और आगे ले जाना होगा।
ट्रंप ने छह दिसम्बर को जेरुसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता दी थी और इस विवादित पवित्र शहर में अमेरिकी दूतावास को स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।


