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तमिलनाडु में सुलझ गया पलानीस्वामी और अन्नामलाई विवाद - लोक सभा चुनाव में जारी रहेगा गठबंधन

तमिलनाडु में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई और अन्नाद्रमुक के महासचिव पलानीस्वामी के बीच जारी राजनीतिक विवाद अब सुलझता नजर आ रहा है

तमिलनाडु में सुलझ गया पलानीस्वामी और अन्नामलाई विवाद - लोक सभा चुनाव में जारी रहेगा गठबंधन
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नई दिल्ली। तमिलनाडु में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई और अन्नाद्रमुक के महासचिव पलानीस्वामी के बीच जारी राजनीतिक विवाद अब सुलझता नजर आ रहा है। 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव में भाजपा के साथ मिलकर लड़ने की घोषणा करते हुए तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एवं अन्नाद्रमुक के महासचिव पलानीस्वामी ने गुरुवार को कहा कि तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई के साथ उनका कोई विवाद नहीं है और राज्य में भाजपा के साथ उनका गठबंधन लोक सभा चुनाव में जारी रहेगा।

दरअसल, हाल के दिनों में के. अन्नामलाई और पलानीस्वामी ने कई बार एक दूसरे के खिलाफ खुल कर टिप्पणी की थी और ऐसे में दोनों दलों के गठबंधन को लेकर कई तरह के कयास लगने शुरू हो गए थे। हालांकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बयान को लेकर अन्नाद्रमुक के नेता यह भी कहा करते थे कि जयललिता के कार्यकाल की तरह वे भी भाजपा के केंद्रीय नेताओं से ही बात करेंगे, राज्य नेताओं से नहीं।

लेकिन गुरुवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के साथ कोई विवाद नहीं है वाला बयान देकर अन्नाद्रमुक के महासचिव ने स्थिति साफ कर दी है। उनके इस बदले रुख के लिए बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई उनकी मुलाकात को महत्वपूर्ण कारण माना जा रहा है। अन्नाद्रमुक महासचिव पलानीस्वामी ने अपने नेताओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई भी मौजूद थे।

बताया जा रहा है कि बैठक में राज्य में मजबूती से मिलकर राज्य की स्टालिन सरकार के खिलाफ अभियान चलाने पर चर्चा हुई। हालांकि शाह और नड्डा ने बैठक में अन्नामलाई को मौजूद रखकर अपनी तरफ से पलानीस्वामी को यह स्पष्ट राजनीतिक संदेश भी दे दिया है कि भाजपा की राजनीतिक स्थिति बदल गई है, पार्टी अब राज्य में अपने आपको मजबूत करना चाहती है, इसलिए उन्हें पुराने दौर को भूलकर राज्य भाजपा ईकाई के साथ मिलकर तालमेल के साथ काम करना होगा तभी राज्य में स्टालिन सरकार को हराया जा सकता है।


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