Top
Begin typing your search above and press return to search.

यूजीसी अधिनियम को निरस्त करने का पलानीस्वामी ने किया विरोध

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी ने आज भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अधिनियम निरस्तीकरण) अधिनियम 2018 के मसौदा विधेयक का कड़ा विरोध जताया है

यूजीसी अधिनियम को निरस्त करने का पलानीस्वामी ने किया विरोध
X

चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी ने आज भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अधिनियम निरस्तीकरण) अधिनियम 2018 के मसौदा विधेयक का कड़ा विरोध जताया है। पलनीस्वामी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र की सामग्री यहां मीडिया को जारी की गई है। पलनीस्वामी ने कहा है, "तमिलनाडु सरकार का मानना है कि यूजीसी का वर्तमान संस्थागत प्रबंधन अपने नियामक और वित्तीय शक्तियों के साथ अच्छा काम कर रहा है।"

पत्र के अनुसार, "यूजीसी को भंग कर इसके स्थान पर भारतीय उच्च शिक्षा आयोग की नियामक शक्तियों को लाने की कोई जरूरत नहीं है।"

मुख्यमंत्री के अनुसार, वर्तमान में यूजीसी के पास शिक्षण और उच्च शिक्षा संस्थानों में शोध के मानकों को बनाए रखने, निगरानी और सुधारने की जिम्मेदारियां हैं।

इसके पास विभिन्न योजनाओं के तहत धनराशि जारी करने का भी अधिकार है, जो 1956 से बिना किसी शिकायत के चल रहा है।

उन्होंने कहा, "यूजीसी के पास प्रस्तावों का मूल्यांकन कर पारदर्शी तरीके से धनराशि जारी करने की जरूरी क्षमता है।"

पलनीस्वामी ने उस प्रस्तावित मसौदे के खिलाफ तमिलनाडु की तरफ से कड़ा विरोध जताया और आशंका जताई, जिसके तहत वित्तीय शक्तियों को मानव संसाधन मंत्रालय या किसी अन्य विभाग को जारी किए जाने का प्रस्ताव आया है।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के अनुभव के आधार पर, योग्यता के आधार पर भारत सरकार के कई मंत्रालयों द्वारा निष्पिक्ष रूप से धन की मंजूरी ज्यादा सकारात्मक नहीं रही है।

उन्होंने कहा, "आगे अगर वित्तीय शक्तियां मानव संसाधन विकास मंत्रालय को मिलती हैं तो हमें आशंका है कि राशि जारी करने का अनुपात 100 फीसदी से बदलकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच 60:40 में बदल जाएगा।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it