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पाकिस्तान : वरिष्ठ नेता शिरीन मजारी ने कई बार गिरफ्तार होने के बाद पीटीआई का साथ छोड़ा

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की वरिष्ठ नेता शिरीन मजारी ने इमरान खान के नेतृत्व वाली पार्टी पीटीआई को छोड़ने का फैसला किया है

पाकिस्तान : वरिष्ठ नेता शिरीन मजारी ने कई बार गिरफ्तार होने के बाद पीटीआई का साथ छोड़ा
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की वरिष्ठ नेता शिरीन मजारी ने इमरान खान के नेतृत्व वाली पार्टी पीटीआई को छोड़ने का फैसला किया है। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी। द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, अल-कादिर ट्रस्ट मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी से 9 मई को भड़के दंगों के बाद से पिछले कुछ दिनों के दौरान मजारी को कई बार गिरफ्तार किया गया था।

द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गुजरात शहर की एक अदालत ने हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान लाहौर कॉर्प्स कमांडर हाउस, जनरल हेडक्वार्टर सहित रक्षा और सार्वजनिक प्रतिष्ठानों पर हमले तथा तोड़फोड़ से संबंधित एक मामले में उनकी जमानत को मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद एक बार फिर से शिरीन मजारी को गिरफ्तार कर लिया गया था।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान ने मंगलवार को दावा किया कि उनकी पार्टी के सदस्यों को बंदूक की नोक पर पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद में एक आतंकवाद-रोधी अदालत (एटीसी) में पत्रकारों से अनौपचारिक रूप से बात करते हुए खान ने कहा कि उनकी पार्टी के सदस्य अपने दम पर पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं, उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, और वह भी बंदूक की नोक पर।

रिपोर्ट के अनुसार, इमरान खान ने कहा कि मुझे केवल कार्यकर्ताओं, विशेष रूप से महिलाओं की चिंता है। पीटीआई प्रमुख ने एटीसी में अपनी सुनवाई से पहले यह टिप्पणी की थी, जहां न्यायाधीश राजा जवाद अब्बास ने आठ अलग-अलग मामलों में जमानत के लिए उनकी याचिका पर सुनवाई की।

अप्रैल में तोशखाना मामले में उनकी सुनवाई से पहले न्यायिक परिसर के बाहर हुई हिंसा को लेकर खान पर आतंकवाद के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया था।

कार्यवाही के दौरान, खान के वकील सलमान सफदर ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल को सुरक्षा खतरों का सामना करना पड़ा और इस कारण से, लाहौर एटीसी ने उन्हें जमान पार्क में अपने आवास पर न्यायिक जांच दल (जेआईटी) द्वारा अपना बयान दर्ज कराने की अनुमति दी थी।

वकील ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हम इन मामलों का सामना नहीं करना चाहते हैं। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक कि हम हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं।


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