पाकिस्तान मंटो से प्रतिबंध हटाए
'मंटो' को पाकिस्तान में रिलीज किए जाने की मंजूरी नहीं दिए जाने पर निराशा जताते हुए कई कलाकारों व लखकों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से प्रतिबंध हटाने की अपील की है

मुंबई। भारतीय फिल्म निर्माता नंदिता दास की फिल्म 'मंटो' को पाकिस्तान में रिलीज किए जाने की मंजूरी नहीं दिए जाने पर निराशा जताते हुए कई कलाकारों व लखकों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से प्रतिबंध हटाने की अपील की है। पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने हालांकि मदद के लिए हाथ बढ़ाया है, साथ ही एक ऑनलाइन याचिका में प्रधानमंत्री इमरान खान से फिल्म की स्क्रीनिंग से प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया गया है।
नंदिता दास ने शनिवार को ट्वीट किया था, "मंटो को पाकिस्तान के थिएटरों में नहीं दिखाया जाना निराशाजनक है। मैं बहुत उत्सुक थी, क्योंकि मंटो समान रूप से दोनों देशों से ताल्लुक रखते थे।"
According to Dawn newspaper, an online petition has been initiated to demand that Prime Minister #ImranKhan lift a ban on the screening of #NanditaDas critically acclaimed film #Manto https://t.co/7FFCbKSntV
— National Herald (@NH_India) December 16, 2018
उनके पोस्ट में एक समाचार वेबसाइट का लिंक संलग्न था, जिसमें बताया गया था कि फिल्म सीमा पार क्यों नहीं करने जा रही है। इस पर जवाब देने के लिए मंत्री फवाद चौधरी को आगे आना पड़ा।
चौधरी ने कहा, "मैं इस फिल्म को पाकिस्तान लाने के लिए आयातकों से बात करने का प्रयास कर रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि कोई न कोई एक कम व्यावसायिक फिल्म को दर्शकों को दिखाने का जोखिम जरूर लेगा।"
नंदिता ने इसकी प्रतिक्रिया में मंत्री को 'शुक्रिया' कहा।
यह फिल्म कहानीकार सआदत हसन मंटो की जिंदगी के पहलुओं को दर्शाती है।
पाकिस्तान के केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष दनयाल गिलानी ने सोशल मीडिया के जरिए आईएएनएस को बताया, "मंटो को बोर्ड द्वारा मंजूरी नहीं दी गई, क्योंकि सदस्यों ने इसमें सेंसरशिप कोड का उल्लंघन पाया है।"
उन्होंने कहा, हालांकि आयातकों के पास अधिकार है कि वे इस आदेश की समीक्षा के लिए अनुरोध कर सकें।
पाकिस्तान के उद्योग सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि 'मंटो' के व्यावसायिक रूप से सफल नहीं होने की आशंका के कारण इसे आयात नहीं किया जा रहा है।
डॉन न्यूजपेपर के मुताबिक, एक ऑनलाइन याचिका शुरू की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री इमरान खान से फिल्म की स्क्रीनिंग पर से प्रतिबंध हटाने की मांग की गई है।
इस खुले पत्र में कहा गया है कि नंदिता दास निर्देशित और समीक्षकों से प्रशंसित फिल्म 'मंटो' उर्दू लेखक की जिंदगी के विभिन्न पहलुओं को छूती है, जिन्होंने देश के बंटवारे के दौरान पाकिस्तान को अपना घर चुना। दुनियाभर के दर्शकों और फिल्म समीक्षकों ने इस फिल्म की प्रशंसा की।
पत्र में कहा गया है, "हालांकि यह चिंता का एक बड़ा विषय है कि पाकिस्तान ने हाल ही में फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। फिल्म पर प्रतिबंध लाने के निराशाजनक फैसले ने लेखकों, कवियों, पाकिस्तन के साहित्य गलियारे के बुद्धिजीवियों के बीच शोरगुल मचा दिया है।"
नंदिता के लिए यह एक उम्मीद की किरण है।
अभिनेत्री-फिल्म निर्माता ने प्रयासों की सराहना करते हुए रविवार को ट्वीट कर कहा, "मैं कार्यकर्ताओं, लेखकों, कलाकारों और पाकिस्तान के चिंतित नागरिकों की आभारी हूं, जो अपने आप साथ आए और अपने प्रधानमंत्री को खुला पत्र लिखा।"


