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अपने गिरेबान में झांके पाकिस्तान : विहिप

पाकिस्तान के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा है कि पड़ोसियों पर कीचड़ उछालने से पहले पाकिस्तान को चाहिए कि वह अपने गिरेबान में झांके।

अपने गिरेबान में झांके पाकिस्तान : विहिप
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नई दिल्ली | पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा है कि पड़ोसियों पर कीचड़ उछालने से पहले पाकिस्तान को चाहिए कि वह अपने गिरेबान में झांके। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान को अपने यहां के धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति मुस्लिम कट्टरपंथियों और सरकार प्रायोजित अत्याचार को रोकने पर ध्यान देना चाहिए।"

उन्होंने आगे कहा, "पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई जैसे धार्मिक अल्पसंख्यकों पर पिछले 70 वर्षों से धर्मांतरण, अमानवीय अत्याचार किए जा रहे हैं। ऐसे लोगों को भारत के अल्पसंख्यकों के बारे में बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।"

विहिप के केंद्रीय महामंत्री ने कहा कि जो देश इस्लामिक आतंकवादियों को प्रशिक्षित कर अन्य देशों में निर्यात करता है, विश्वभर के लाखों निहत्थे लोगों की हत्या का पाप जिसके मत्थे पर है, उसके द्वारा भारत पर क्षेत्रीय अस्थिरता फैलाने का आरोप बेहद हास्यास्पद है।

विहिप के महामंत्री ने कहा, "राम जन्मभूमि संपूर्ण विश्व के हिंदुओं के लिए श्रद्धा का केंद्र है। इसे विदेशी आक्रमणकारी बाबर के सेनापति द्वारा तोड़ा गया था। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने पवित्र भूमि भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए हिंदू समाज को सौंप दी है। उसके बारे में भी कुछ भी कहने का अधिकार पाकिस्तान को नहीं है।"

परांडे ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम पर पाकिस्तान की चिंता समझ में आती है, क्योंकि यह कानून भारत के मुसलमानों से संबंधित न होकर पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को भारत में शरण देने से संबंधित है।

उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान में हो रहे निर्मम अत्याचारों की कलई को खोलने का कार्य करता है।

विहिप महामंत्री ने यह भी कहा, "हमें इस बात का गर्व है कि भारत ने अपने हिंदुत्व, लोक कल्याणकारी मार्ग पर चलते हुए ही वैश्विक संकट के इस काल में भी विश्वभर के अनेक देशों की मदद की है।"

उन्होंने कहा कि धन, अनाज, दवाइएं, चिकित्सकों व मेडिकल उपकरणों इत्यादि की मदद के बाद जहां संपूर्ण विश्व ने भारत की भूरि-भूरि प्रशंसा की है, वहीं, पाकिस्तान मदद के वैश्विक प्रयासों में अड़ंगे डालने में ही व्यस्त रहा है।


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