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पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब, जाधव के परिवार के साथ की बदसलूकी 

इस्लामाबाद में कुलभूषण जाधव से 22 महीने बाद मिलने गई उनकी मॉं और पत्नी के बीच जिस तरह से शीशे की दीवार थी उससे पाकिस्तान का घिनौना चेहरा सबके सामने आ गया है

पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब, जाधव के परिवार के साथ की बदसलूकी 
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नई दिल्ली। इस्लामाबाद में कुलभूषण जाधव से 22 महीने बाद मिलने गई उनकी मॉं और पत्नी के बीच जिस तरह से शीशे की दीवार थी उससे पाकिस्तान का घिनौना चेहरा सबके सामने आ गया है।

इस्लामाबाद में कुलभूषण जाधव से मिलने के एक दिन बाद उनकी मां और पत्नी ने मंगलवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की। यह मुलाकात 2 घंटे तक चली। इस मीटिंग के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि यह मुलाकात अमानवीय थी और जाधव के परिवार से जिस तरह का बर्ताव किया गया वह असहनशील है। हमें जिस तरह का आश्वाशन दिया गया था वह पूरा नहीं हुआ।



आइए आपको बताते है कि रवीश कुमार ने क्या कहा

ऐसा लग रहा था कि जाधव काफी तनाव में थे और दबाव की परिस्थियों मे बात कर रहे थे। उनकी अधिकांश टिप्पणियां स्पष्ट रूप से पाकिस्तान में उनकी कथित गतिविधियों के झूठे कथानक को स्पष्ट रूप से सिखाने के लिए डिजाइन की गई थीं। उनका स्वास्थ्य भी ठीक नही लग रहा था और उनके शरीर पर चोट के काफी निशान थे जिससे यह साफ है कि उन्हें वहां प्रताड़ित किया जा रहा है।



सुरक्षा सावधानियों के तहत परिवार के सदस्यों की सांस्कृतिक और धार्मिक संवेदनाओं की अवहेलना हुई। सुरक्षा के नाम पर जाधव की पत्नी के मंगल सूत्र, चूड़ियां और बिंदी को हटाया गया साथ ही उनके कपड़े भी बदलवाए गए।



पाकिस्तानी प्रेस को कई अवसरों पर परिवार के सदस्यों से संपर्क करने, उन्हें उत्पीड़ित करने और जाधव के बारे में गलत आरोपों को फैलाने के लिए अनुमति दी गई थी। जबकि यह एक स्पष्ट समझौता था कि मीडिया को पास पहुंचने की इजाजत नहीं दी जाएगी फिर भी ऐसा हुआ।

जाधव की मां को अपनी मातृभाषा में बात करने से रोका गया था, हालांकि यह स्पष्ट रूप से संचार का प्राकृतिक माध्यम था। वह ऐसा करते समय बार-बार बाधित की जा रही थी।

अव्यवहारिक रुप से जाधव की पत्नी के बार-बार अनुरोध पर भी मीटिंग के बाद उनके जूते भी उन्हे वापस नही किए गए। हम इस संबंध में कार्यवाही करेंगे।



जिस तरीके से बैठक आयोजित की गई थी और इसके परिणाम स्पष्ट रूप से जाधव की कथित गतिविधियों के झूठे और असंतोषपूर्ण कथन को मजबूत करने का एक प्रयास था। आप सभी सहमत होंगे कि इस अभ्यास में कोई विश्वसनीयता नहीं थी।



हमें जैसा आश्वासन मिला था उसके विपरीत बैठक का माहौल परिवार को डरा रहा था हालांकि परिवार के सदस्यों ने इस स्थिति को महान साहस और धैर्य के साथ संभाला।

इन सभी बातों से यह तो साफ हो गया कि जिस तरह से पाकिस्तान ने अपनी हमदर्दी दिखाई वह पूर्ण रुप से प्रॉपेगैंडा था। पाकिस्तान ने जाधव के परिवार से जैसा व्यवहार किया वह अमानवीय था।


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