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पाकिस्तान : शीर्ष जेयूडी सरगनाओं के बैंक खातों को बहाल करने की रिपोर्ट से विवाद

एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान सरकार ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद समेत जमात-उद-दावा (जेयूडी)/ लश्करे तैयबा के शीर्ष पांच सरगनाओं के बैंक खातों को बहाल कर दिया है

पाकिस्तान : शीर्ष जेयूडी सरगनाओं के बैंक खातों को बहाल करने की रिपोर्ट से विवाद
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इस्लामाबाद। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान सरकार ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद समेत जमात-उद-दावा (जेयूडी)/ लश्करे तैयबा के शीर्ष पांच सरगनाओं के बैंक खातों को बहाल कर दिया है। इससे इस्लामाबाद द्वारा बंद दरवाजों के पीछे से दी जाने वाली सुविधाओं को लेकर एक गंभीर विवाद छिड़ गया है।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की प्रतिबंध समिति की औपचारिक मंजूरी के बाद पाकिस्तान ने यह कदम उठाया है।

विश्वसनीय सूत्रों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में दावा किया गया है, "निष्क्रिय जेयूडी/लश्कर के जिन सदस्यों के बैंक खातों को फिर से बहाल किया गया है, उनमें हाफिज मुहम्मद सईद, अब्दुल सलाम भुट्टवी, हाजी एम अशरफ, यहया मुजाहिद और जफर इकबाल शामिल हैं।"

इसमें कहा गया है, "हालांकि ये सभी यूएनएससी के सूचीबद्ध आतंकवादी हैं और वर्तमान में पंजाब काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) द्वारा दायर आतंकवाद के वित्तपोषण के मामलों में लाहौर जेल में एक से पांच साल तक की सजा का सामना कर रहे हैं।"

सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में दावा किया गया है, "निष्क्रिय जेयूडी के इनमें से हर एक नेता ने अपने बैंक खातों को बहाल करने के लिए यूएन से अपील की थी ताकि वे अपने परिवार के मामले चला सकें।"

जेयूडी के एक शीर्ष नेता ने कहा, "शुरू में हम अपील दायर नहीं करना चाहते थे लेकिन हमें इसे दायर करने की सलाह दी गई क्योंकि हमारे नेताओं के लिए अपने मामलों को चलाना मुश्किल हो रहा था। इसके साथ यह सवाल भी उठ सकता था कि आखिर हमारे नेता अपने परिवारों को कैसे चला रहे हैं। इसलिए हमने अधिकारियों से संपर्क किया। हमारे बैंक खातों की बहाली के संदर्भ में हमें जो भी सुविधा मिली है, वह कानूनी है और संयुक्त राष्ट्र की मंजूरी के साथ है।"

रिपोर्ट में पाकिस्तान की जमीनी कार्रवाई और वैश्विक समुदाय तथा फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के सामने पेश कागजात पर सवाल उठाया गया है, जिसमें पाकिस्तान ने जेयूडी और उससे संबद्ध व्यक्तियों की सभी संपत्तियों, कार्यालयों और बैंक खातों को जब्त करने का दावा किया है।

पाकिस्तान सरकार ने दैनिक में प्रकाशित इन दावों का जवाब देने में देर नहीं की और रिपोर्ट को 'तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक' बताया।

विदेश कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि 'संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित व्यक्तियों के बैंक खातों को पाकिस्तान द्वारा बहाल नहीं किया गया है।'

विज्ञप्ति में कहा गया है, "संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित व्यक्तियों के खिलाफ लक्षित वित्तीय प्रतिबंधों की संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के अनुपालन में सख्त निगरानी की जा रही है और इसमें ऐसे लोगों के बैंक खातों का फ्रीज किया जाना शामिल है।"

पाकिस्तान ने कहा, "यूएनएससी 1267 प्रतिबंध समिति ने प्रासंगिक यूएनएससी प्रस्तावों के छूट प्रावधानों के अनुसार नामित व्यक्तियों को 2019 में बुनियादी व्यय छूट दी थी।"

पाकिस्तान ने कहा है कि 'इन व्यक्तियों को दी गई छूट, उनके बुनियादी खचरें को पूरा करने के लिए दी गई है। इसका इनके बैंक खातों को बहाल करने से कोई लेना-देना नहीं है और वे पहले की तरह फ्रीज हैं। जो छूट संबंधित लोगों को दी गई है, उसकी भी कानून के मुताबिक सख्ती से निगरानी की जा रही है।'


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