Top
Begin typing your search above and press return to search.

पाक सेना जुटी है एलओसी पर बार्डर रेडर्स के हमलों की तैयारी में

भारतीय सेना ने पाकिस्तान से सटी एलओसी पर स्थित अपनी कई फारवर्ड पोस्टों पर अपने कमांडों की तैनाती की है।

पाक सेना जुटी है एलओसी पर बार्डर रेडर्स के हमलों की तैयारी में
X

एलओसी के इलाकों में बार्डर रेडर्स के हमले नए नहीं हैं

जम्मू । भारतीय सेना ने पाकिस्तान से सटी एलओसी पर स्थित अपनी कई फारवर्ड पोस्टों पर अपने कमांडों की तैनाती की है। यह तैनाती उन सूचनाओं के बाद की गई है जिसमें कहा गया है कि पाक सेना एलओसी पर बार्ड रेडर्स के सदस्यों के जरिए कमांडों कार्रवाईयों को अंजाम देना चाहती है। इसके साथ-साथ वह सीजफायर के उल्लंघन को भी बढ़ाते हुए घुसपैठ को तेज कर चुकी है।

पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम के उल्लंघन में हुई हालिया बढ़ोतरी के कारण जम्मू कश्मीर में एलओसी से सटे इलाकों में बढ़े तनाव के बीच सेना ने आज बताया कि उन्हें प्राप्त सूचना के मुताबिक, पाकिस्तान एलओसी पर और अधिक कमांडो हमले की कोशिश कर रहा है.

बार्डर रेडर्स के नाम से जाने जाने वाले यह कमांडों पाकिस्तान के विशेष बलों के कर्मियों और आतंकियों का एक मिलाजुला स्वरुप है। पिछले कुछ सालों में पाक बार्डर रेडर्स भारत के कई सैनिकों की नृशंस हत्या कर चुका है। कईयो के वह सिर भी काट कर ले जा चुका है।

वैसे एलओसी पर बार्डर रेडर्स के हमले कोई नए नहीं हैं। इन हमलों के पीछे का मकसद हमेशा ही भातीय सीमा चौकिओं पर कब्जा जमाना रहा है। पाकिस्तानी सेना की कोशिश कोई नई नहीं है। करगिल युद्ध की समाप्ति के बाद हार से बौखलाई पाकिस्तानी सेना ने बार्डर रेडर्स टीम का गठन कर एलओसी पर ऐसी बीसियों कमांडों कार्रवाईयां करके भारतीय सेना को जबरदस्त क्षति सहन करने को मजबूर किया है।

26 जुलाई 1999 को जब करगिल युद्ध की समाप्ति की घोषणा हुई तो उधर पाक सेना ने अपने खतरनाक मंसूबों को अंजाम देना आरंभ कर दिया था। उसने त्रिस्तरीय रणनीति बनाई जिसके पीछे का मकसद भारतीय सेना को अधिक से अधिक नुक्सान पहुंचाना तो था ही कश्मीर में भी लोग त्राहि-त्राहि कर उठे थे।

करगिल युद्ध के बाद ही फिदायीनों, मानव बमों के हमलों की भी शुरूआत हुई थी। साथ ही शुरूआत हुई थी भारतीय सीमा चौकिओं पर बार्डर रेडर्स के हमलों की। हालांकि सैन्य सूत्र कहते हैं कि पाक सेना द्वारा गठित बार्डर रेडर्स में आतंकी भी शामिल होते हैं जिन्हें हमलों में इसलिए शामिल किया जाता रहा है ताकि वे कश्मीर में घुसने के बाद वहशी कृत्यों को अंजाम दे सकें।

पिछले 21 सालों में कितनी बार पाक सेना के बार्डर रेडर्स ने भारतीय सीमा चौकिओं पर हमले किए कोई आधिकारिक आंकड़ा इसलिए भी मौजूद नहीं है क्योंकि यह भारतीय सेना की नहीं बल्कि भारतीय राजनीतिक नेतृत्व की अक्षमता को दर्शाता था। एक सैन्य सूत्र के मुताबिक:‘भारतीय सैनिक नपंसुक तो नहीं हैं पर उन्हें ऐसा बना दिया गया है जिन्हें आज भी एलओसी पार कर पाक सेना को जैसे को तैसा का सबक सिखाने की खुली अनुमति कभी नहीं मिली है।’ सिवाय एक बार बार हमला करने के।

--सुरेश एस डुग्गर--


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it