सरकारी उपेक्षा के कारण धान किसान ठगी के शिकार : लल्लू
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आरोप लगाया कि अन्नदाताओं के प्रति सरकार संवेदनहीन बनी हुयी है

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आरोप लगाया कि अन्नदाताओं के प्रति सरकार संवेदनहीन बनी हुयी है जिसके चलते सरकारी क्रय केन्द्रों पर धान की बहुत कम खरीद हो पा रही है और किसान बिचौलियों के हाथों ठगे जाने को मजबूर हैं।
श्री लल्लू ने गुरूवार को कहा कि शासन-प्रशासन की गलत कार्यप्रणाली के चलते किसान बेहद परेशान हैं। सरकारी क्रय केन्द्रों पर धान की खरीद बहुत कम हो रही है। जो थोड़ी बहुत खरीद हो रही है उसमे नमी के नाम पर कटौती कर किसानों का शोषण किया जा रहा है। अन्नदाता किसान सरकार की इस अकर्मण्यता के चलते गेहूं एवं अन्य फसलों की बुआई के लिए कर्ज के दलदल में फंस जायेगा।
उन्होने कहा कि धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार देने की इच्छुक नहीं दिखाई दे रही है जिसका सीधा प्रमाण है किसान के उच्च क्वालिटी के धान में नमी बताकर 25 से 40 फीसदी तक की वजन में कटौती की जा रही है जो योगी सरकार की किसान विरोधी रवैये की परिचायक है।
श्री लल्लू ने कहा कि सरकारी उदासीनता का आलम यह है कि धान केन्द्र खोलने में सरकार पूरी तरह विफल साबित हो रही है जो थोड़े बहुत खुले भी हैं वहां कोई न कोई कमी और बहाना बताकर किसानों को दौड़ाया जा रहा है। एक तरफ जहां किसान बार-बार सरकारी क्रय केन्द्रों पर चक्कर लगाने के लिए मजबूर हो रहा है वहीं अपने अच्छे क्वालिटी के धान को 25 से 40 प्रतिशत तक वजन मे कटौती किये जाने से परेशान है इससे किसान की धान की फसल की लागत भी नहीं निकल पायेगी और किसान अगली फसल की बोआई के लिए मजबूरन कर्ज के जाल में फंस जाएगा।
उन्होने कहा कि धान की फसल तैयार हो चुकी है और किसान अगली फसल की बोआई की तैयारी में लगा हुआ है ऐसे में क्रय केन्द्रों के न खुलने से वह अपनी उपज को औने-पौने दामों में बिचैलियों के हाथों ठगे जाने के लिए मजबूर हो रहा है। एक तरफ योगी सरकार किसानों की सबसे बड़ी हितैषी होने का नाटक करती है वहीं धान क्रय केन्द्रों का अभी तक न खुलना किसानों के साथ क्रूर मजाक है। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य के बड़े दावों के बावजूद किसानों को उनकी उपज का लागत देने में भी विफल साबित हो रही है। यह किसानों के साथ बड़ा छलावा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार तुरन्त हस्तक्षेप कर किसान को सही दाम नहीं दिलाएगी तो कांग्रेस आन्दोलन करने के लिए विवश होगी।


